श्रीलंका के साथ मैदान में उतरी भारतीय सेना, किया ये खास अभ्यास

भारत और श्रीलंका की सेनाओं की टुकड़ियों ने इस अंतिम चरण में ऊंचाइयों पर कब्जा किया और स्नाइपर ग्रिड बनाकर पूरे क्षेत्र को स्कैन किया. हमला करने के लिए रास्ता भी साफ किया गया. भारत ने फिनलैंड में बनी 8.68 मिमी साको स्नाइपर राइफल और रूस में बनी 7.62 मिमी ड्रेग्नोव स्नाइपर राइफल तैनात की. वहीं, श्रीलंका ने ब्रिटेन में बनी 7.62 मिमी एक्यूरेसी इंटरनेशनल आर्कटिक वारफेयर राइफल तैनात की.
भारतीय सेना और श्रीलंकाई सेना के बीच द्विपक्षीय मित्र शक्ति सैन्य अभ्यास 12 अगस्त 2024 से शुरू हुआ है. यह अभ्यास श्रीलंका के सेना प्रशिक्षण स्कूल, मदुरू ओया में हो रहा है और 12 से 25 अगस्त तक चलेगा. हर साल दोनों देशों की सेनाओं के बीच संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास होता है. इसका उद्देश्य श्रीलंका की सेना के साथ संबंधों को मजबूत करना भारत की ओर से कुल 106 जवान इस सैन्य अभ्यास में श्रीलंका पहुंचे हैं.
क्यों अहम हैं स्नाइपर राइफलें
आज के समय में लड़ाई में स्नाइपर राइफलें बहुत शक्तिशाली हथियार साबित हो रही हैं. किसी भी कमांडर के लिए स्नाइपर बल लड़ाई को जीतने की संभावना को दोगुना कर देते हैं. स्नाइपर की मदद से न केवल युद्ध को जीतने में निर्णायक भूमिका निभाई जाती है, बल्कि दुश्मन के मन में डर पैदा करके जीत को आसानी से अपनी मुठ्ठी में कर सकते हैं.
डॉग को भी किया गया तैनात
भारत और श्रीलंका की सेनाओं ने मित्र शक्ति अभ्यास में डॉग को भी तैनात किया. सेना की भाषा में इन्हें ‘K9s’ कहा जाता है. भारतीय सेना ने बेल्जियन मेलिनोइस नामक डॉग को तैनात किया है, जबकि श्रीलंका ने दो डॉगों को मैदान में उतारा है. डॉगो को लगभग सभी आवश्यक कौशल सिखाए गए हैं, जैसे घेराबंदी, तलाशी, क्षेत्रों में लड़ाई, जंगल की तलाशी और क्षेत्र की सफाई आदि.

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