श्रीलंका राष्ट्रपति चुनाव में किसी को नहीं मिला बहुमत, दूसरे प्रेफरेंस के वोट तय करेंगे नया राष्ट्रपति

श्रीलंका में रविवार सुबह से जारी वोटों की गिनती पूरी हो गई है. चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि किसी भी उम्मीदवार ने राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए जरूरी 50 फीसद से ज्यादा वोट हासिल नहीं किए हैं और अब रिजल्ट दूसरे प्रेफरेंस के वोटों की गिनती तय करेंगे. चुनाव आयोग के अध्यक्ष आर एम ए एल रथनायके ने कहा कि अनुरा कुमारा दिसानायके और साजिथ प्रेमदासा ने 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में अधिकतम वोट हासिल किए हैं.
अनुरा कुमारा दिसानायके गिनती की शुरुआत से ही आगे चल रहे थे, मतगणना की शुरुआत में लग रहा था कि वे 50 फीसद वोट आसानी हासिल कर लेंगे. साजिथ प्रेमदासा ने बाजी को पलटते हुए दोपहर तक 33.1 फीसद वोट लेकर सबको चौका दिया और दिसानायके पहले ही राउंड में जीतने से रोकने में कामयाब हुए.
क्या होती है दूसरे प्रेफरेंस के वोटों की गिनती?
श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनावों में दूसरे प्रेफरेंस की गिनती एक महत्वपूर्ण रोल निभाती है, खासकर तब जब कोई भी उम्मीदवार गिनती पूर्ण बहुमत (50% से ज्यादा वोट) हासिल नहीं करता. यह इस तरह काम करता है:
वोट करते समय मतदाता उम्मीदवारों को प्रेफरेंस के लिहाज से रैंक कर सकते हैं. यदि किसी मतदाता की पहली पसंद के उम्मीदवार को जीतने के लिए पर्याप्त वोट नहीं मिलते हैं, तो उनका वोट उनकी दूसरी पसंद को ट्रांसफर किया जा सकता है.
पहले दौर की गिनती: सभी उम्मीदवारों के लिए शुरू में वोट गिने जाते हैं. यदि किसी उम्मीदवार को 50% से ज्यादा वोट मिलते हैं, तो उन्हें विजेता घोषित किया जाता है.
दूसरे प्रेफरेंस की गिनती: यदि कोई भी उम्मीदवार 50 फीसद से ज्यादा वोट हासिल नहीं करता है, तो सबसे कम वोट पाने वाले उम्मीदवार को बाहर कर दिया जाता है. इस उम्मीदवार के लिए डाले गए वोट फिर मतदाताओं के दूसरी वरीयता के आधार पर शेष 2 उम्मीदवारों में दिए जाते हैं.
सबसे कम वोट पाने वाले उम्मीदवार को बाहर करने और वोटों को ट्रांसफर करने की यह प्रक्रिया तब तक जारी रहती है जब तक कि एक उम्मीदवार को बहुमत नहीं मिल जाता.

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