संदेह का माहौल बनाया जा रहा, खेल की सच्चाई सामने लाएंगे… फॉर्म 17 सी विवाद पर बोले CEC राजीव कुमार

देश के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने दिल्ली में वोट डाला. वोट डालने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसमें चुनाव आयोग के फॉर्म 17 सी डेटा और बूथ वाइज वोट प्रतिशत को सार्वजनिक करने को लेकर दिशा-निर्देश देने से इनकार कर दिया है. सीईसी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इसे लेकर संदेह पैदा करने की कोशिश की जा रही है. एक दिन हम इस पर सभी के साथ चर्चा करेंगे.
सीईसी ने कहा कि यहां क्या खेल है, संदेह क्यों पैदा किए जा रहे हैं, हम एक दिन यह सामने लाएंगे. हम सभी को दिखाएंगे कि लोगों को कैसे गुमराह किया जाता है और लोगों के मन में संदेह पैदा किया जाता है. चुनाव आयोग ने दोहराया कि फॉर्म 17 सी के जरिए सभी उम्मीदवारों के मतदान एजेंटों के साथ वोटिंग के दिन साझा किए गए वोटों के डेटा को कोई भी बदल नहीं सकता है. सभी उम्मीदवारों के अधिकृत एजेंटों के पास अलग-अलग फॉर्म 17 सी होता है.
सुप्रीम कोर्ट ने की तीखी टिप्पणी
एक दिन पहले यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मतदान आंकड़ा देने के लिए लॉन्च किए गए मोबाइल ऐप्लिकेशन को लेकर चुनाव आयोग की दुर्दशा को समझाने के लिए आ बैल मुझे मार शब्द का इस्तेमाल किया था. सुप्रीम कोर्ट की ओर से यह टिप्पणी तब की गई जब जस्टिस दीपांकर दत्ता और सतीश चंद्र शर्मा की वेकेशन बेंच ने चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मतदान केंद्र-वार मतों का आंकड़ा अपलोड करने को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
पुरानी व्यवस्था को बहाल करने की मांग
सुनवाई के दौरान जस्टिस दत्ता ने याद दिलाया कि एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की याचिका पर सुनवाई करते समय पीठ ने चुनाव आयोग से मतदान ऐप के बारे में पूछा था. एडीआर ने चुनावों में कागज के मतपत्रों का उपयोग करने की पुरानी व्यवस्था को बहाल करने के निर्देश का अनुरोध किया था. चुनाव की मानें तो ‘वोटर टर्नआउट’ मोबाइल ऐप को अनुमानि मतदान का आंकड़ा देने के लिए डिजाइन किया गया है. इसके जरिए लोकसभा के साथ-साथ विधानस निर्वाचन क्षेत्र स्तर तक के वोटिंग के आंकड़े को देखा जा सकता है.

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