संविधान की इस कॉपी ने बनाया बिक्री का नया रिकॉर्ड, सेल्स की कुल रकम जान उड़ जााएंगे होश

लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी के नेतृत्व में इंडिया ब्लॉक ने संविधान के कोट पॉकेट एडिशन को एक सिंबल की तरह इस्तेमाल किया. इसके बाद से देश में संविधान और उसकी किताब फिर से चर्चा में आ गई है और खासकर ये एडिशन कॉफी पॉपुलर हो चुका है. संविधान की जिस कॉपी के साथ इंडिया ब्लॉक के नेता चुनाव के दौरान दिखाई दिए और उसके बाद विपक्ष के सभी सांसद लोकसभा में शपथ लेने के दौरान इसे लेकर साथ पहुंचे, उसकी बिक्री ने भी रिकॉर्ड बनाया है.
संविधान के कोट पॉकेट एडिशन के पब्लिशर का दावा है कि महज तीन महीने में इसकी हजारों कॉपी बिक चुकी हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर इसकी एक कॉपी की कितनी कीमत है और बीते तीन महीने में इस कॉपी को खरीदने पर लोगों ने कितना पैसा खर्च कर दिया है.
कैसे बढ़ी इस बुक की पॉपुलैरिटी
18वीं लोकसभा के उद्घाटन सत्र में विपक्षी नेता संसद भवन के बाहर जिस काले और लाल चमड़े से बंधी किताब को लहरा रहे थे, वो देश का संविधान है. ये संविधान का कोट पॉकेट एडिशन है. जो मौजूदा समय में काफी पॉपुलर हो रहा है. विपक्ष ने इस किताब का इस्तेमाल चुनाव में काफी किया. राहुल गांधी से लेकर देश के कई बड़े नेताओं के हाथों में ये एडिशन देखा गया. यही वजह है कि देश के युवाओं में एक बार फिर से संविधान की कॉपी पॉपुलर हो गई. विपक्ष के सभी नेताओं ने इस कॉपी को हाथ में लेकर संसद भवन में शपथ भी ली थी.
तीन महीने में बिकीं 5 हजार कॉपी
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, किताब अब एक प्रतीक बन गई है और इसकी लोकप्रियता इस हद तक बढ़ गई है कि बीते तीन महीनों में 5000 कॉपी बिक चुकी हैं. इस कोट पॉकेट एडिशन के पब्लिशर का नाम ईस्टर्न बुक कंपनी यानी ईबीसी है. जिसकी सेल्स में लगातार इजाफा देखने को मिला है. संविधान का कोट पॉकेट एडिशन पहली बार 2009 में ईबीसी द्वारा प्रिंट किया गया था. तब से इसके 16 एडिशन आ चुके हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, ईबीसी प्रकाशक सुमीत मलिक का दावा है कि उन्होंने पिछले तीन महीनों में किताब की 5,000 प्रतियां बेची हैं, जो कि 2023 में बेची गई कुल संख्या के बराबर है.
लगातार बनी हुई है डिमांड
मलिक ने टीओआई को बताया कि, भारतीय संविधान के हमारे कोट पॉकेट एडिशन की काफी डिमांड है. फ्रेश स्टॉक जिस तरह से आ रहा है हाथों हाथ बिक रहा है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस ने 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के लिए भी कॉपीज से भरे चार बॉक्स खरीदे थे. मलिक ने मीडिया रिपोर्ट में यह भी बताया कि उन्होंने किताब की एक प्रति केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को गिफ्ट भी की थी. पूर्व अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपालन द्वारा लिखित पुस्तक की प्रस्तावना में कहा गया है कि यह पुस्तक आकार में भले ही छोटी है, लेकिन मानवीय आयामों में बहुत बड़ी है. इसमें यह भी कहा गया है कि हमारे संविधान के विचारों को समझने के लिए भले ही कोई वकील न भी हो, इसे अवश्य रखना चाहिए.
कितनी है एक कॉपी की कीमत
ईबीसी की ओर से प्रकाशित इस कॉपी की कीमत 895 रुपए बताई जा रही है. इस एडिशन में 624 पेज हैं. खास बात तो ये है कि इस कॉपी का प्रकाशित करने का अधिकार भी ईबीसी के पास है. ईबीसी के मालिक ने जानकारी देते हुए कहा कि इस कॉपी को प्रकाशित करने का इंटेलेक्चुअल राइट उन्हीं के पास है. अगर आप इस कॉपी को ऑनलाइन मंगाना चाहते हैं तो ईबीसी के वेबस्टोर पर जाकर ऑर्डर कर सकते हैं. जहां इस एडिशन की कीमत ऑफलााइन मुकाबले 10 फीसदी कम यानी 806 रुपए है. यह कीमत लेटेस्ट एडिशन की है.
लोगों ने कितने कर दिए खर्च
इबीसी की ओर से दावा किया गया है कि बीते 3 महीने में 5000 हजार कॉपी बिक गई हैं. अगर मान कर चलें कि लोगों ने ऑफलाइन किताब खरीदी है तो इस कॉपी के लिए तीन महीने में 44.75 लाख रुपए खर्च कर दिए हैं. वहीं दूसरी ओर मानकर चले कि अगर सभी ने इस कॉपी को ऑनलाइन ही खरीदा है तो 44 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं. जोकि एक बड़ी बात मानी जा रही है.

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