संसद में सरकार हमें दबाने की कोशिश करती है… टेक्सास यूनिवर्सिटी में क्या-क्या बोले राहुल गांधी?

अमेरिका के डलास में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में छात्रों से बातचीत करते हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि लोगों को अपनी लड़ाई सावधानी से चुननी चाहिए और ध्यान से चुननी चाहिए. अपने करियर की शुरुआत और अब की तुलना में क्या उनका नजरिया बदला है, इस बारे में बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आप हर मुद्दे को नहीं उठाते बल्कि बुनियादी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हैं.
उन्होंने कहा कि अब मैं इस नतीजे पर पहुंच रहा हूं कि बोलने से ज्यादा महत्वपूर्ण है सुनना. सुनने का मतलब है खुद को उनकी जगह पर रखना. अगर कोई किसान मुझसे बात करता है, तो मैं खुद को उनके दैनिक जीवन में शामिल करने की कोशिश करूंगा और समझूंगा कि वे क्या कहना चाह रहे हैं. उन्होंने कहा कि हर मुद्दे को नहीं उठाना चाहिए. आप महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें और उसके लिए लड़ें. हमें अपनी लड़ाई सावधानी से चुननी चाहिए.
विपक्ष का मूल उद्देश्य लोगों की आवाज बनना
अपने जीवन के एक दिन के बारे में बोलते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि विपक्ष का मूल उद्देश्य लोगों की आवाज़ बनना है. राहुल ने कहा कि जब कोई मुद्दा उनके सामने आता है, तो वह उसकी बारीकियों और जटिलताओं को समझने की कोशिश करते हैं और उसी के अनुसार दिन की योजना बनाते हैं. अक्सर, जब आप कोई मुद्दा देखते हैं, तो आपको उसकी बारीकियाँ और जटिलताएं समझ में आती हैं और आप उसी के अनुसार अपना दिन तय करते हैं.
दबाने की कोशिश करती है सरकार
राहुल गांधी ने कहा कि हम संसद में अपना दृष्टिकोण रखने की कोशिश करते हैं और सरकार इसे दबाने की कोशिश करती है. अन्य दिनों में, पार्टी के लोग, व्यवसायी, किसान आदि हमसे मिलने आते हैं और हम उनकी बात सुनने और समझने की कोशिश करते हैं. बता दें कि राहुल गांधी रविवार को अपने तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे के लिए डलास, टेक्सास पहुंचे हैं. कांग्रेस सांसद का एयरपोर्ट पर इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा और प्रवासी भारतीयों ने स्वागत किया.
भारत जोड़ो यात्रा ने सोचने का तरीका बदला
राहुल गांधी ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा ने मेरे काम के बारे में सोचने के तरीके को बदल दिया है. मैं कहूंगा कि इसने राजनीति, लोगों को देखने, उनके साथ संवाद करने और उनकी बातों को सुनने के मेरे तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है. यह सिर्फ मैं ही नहीं था, इस यात्रा में कई लोग शामिल थे.

#WATCH | Dallas, Texas, USA: Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi says, “…Bharat Jodo Yatra fundamentally changed the way I think about my work. I would say it completely changed how I view politics, how I view our people, how I communicate with them, and how I listen to pic.twitter.com/5d6uDzgRWm
— ANI (@ANI) September 8, 2024

राजनीतिक चर्चा से प्रेम गायब
उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान हम सभी के लिए सबसे शक्तिशाली चीज जो हुई, जिसकी हमने योजना भी नहीं बनाई थी, वह राजनीति में प्रेम के विचार का परिचय थी. यह अजीब है क्योंकि अगर आप ज़्यादातर देशों में राजनीतिक चर्चा को देखें, तो आपको प्रेम शब्द कभी नहीं मिलेगा. आपको नफरत, गुस्सा, अन्याय, भ्रष्टाचार, ये सभी शब्द मिलेंगे, लेकिन शायद ही कभी प्रेम शब्द मिलेगा. भारत जोड़ो यात्रा ने वास्तव में उस विचार को भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में पेश किया, और मैं इस बात से चकित हूं कि यह विचार कितनी अच्छी तरह काम कर रहा है.
भारत में देवता का मतलब
राहुल गांधी ने कहा कि भारत में देवता का मतलब वास्तव में एक ऐसा व्यक्ति है जिसकी आंतरिक भावनाएं उसकी बाहरी अभिव्यक्ति के समान ही हैं, जिसका अर्थ है कि वह पूरी तरह से पारदर्शी व्यक्ति है. अगर कोई व्यक्ति मुझे वह सब कुछ बताता है, जो वह मानता है या सोचता है और उसे खुले तौर पर व्यक्त करता है, तो यही देवता की परिभाषा है. हमारी राजनीति के बारे में दिलचस्प बात यह है कि आप अपने विचारों को कैसे दबाते हैं, आप अपने डर, लालच या महत्वाकांक्षाओं को कैसे दबाते हैं और दूसरे लोगों के डर और महत्वाकांक्षाओं का निरीक्षण कैसे करते हैं.
AI पर बोले राहुल गांधी
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर राहुल गांधी ने कहा कि हर बार जब आप कोई नई तकनीक लाते हैं, तो यह तर्क दिया जाता है कि यह नौकरियां छीनने वाली है. जब पहली बार कंप्यूटर आए, तो कहा गया कि यह नौकरियां छीनने वाली है. जब कैलकुलेटर पहली बार आए, तो भी यही बात कही गई. इसमें मेरा यह मानना ​​नहीं है कि नौकरियां खत्म हो जाएंगी, लेकिन अलग-अलग तरह की नौकरियां पैदा होंगी.

#WATCH | Dallas, Texas, USA: On Artificial Intelligence (AI), Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi says, “Every time you get a new technology, the argument is made that it’s going to take jobs away. When computers first came, it was said that it is going to take jobs away. pic.twitter.com/ItXWhiqblt
— ANI (@ANI) September 8, 2024

अलग-अलग तरह से करेगी प्रभावित
उदाहरण के लिए, भारत में आईटी उद्योग को AI की वजह से वाकई बहुत बड़ी गंभीर समस्या होने वाली है. लेकिन मुझे नहीं लगता कि बजाज द्वारा बनाए गए स्कूटर को इतनी बड़ी समस्या होने वाली है. इसलिए यह अलग-अलग लोगों को अलग-अलग तरह से प्रभावित करने वाला है. यह कुछ नौकरियां छीनने वाला है, कुछ नौकरियां जोड़ने वाला है. अगर आप इसे सही तरीके से पेश करते हैं, तो यह एक अवसर है और अगर आप इसे गलत तरीके से पेश करते हैं, तो आप मुश्किल में पड़ सकते हैं. कंप्यूटर ने भारत में लाखों नौकरियां पैदा की हैं, यह एक सच्चाई है. इसलिए यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितने लचीले हैं और भविष्य को कितनी अच्छी तरह देखते हैं.

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