सऊदी अरब ने 12 साल बाद सीरिया में पहला राजदूत नियुक्त किया, फैसल अल-मुजमल होंगे नए राजदूत
सऊदी अरब ने रविवार को सीरिया में एक नया राजदूत नियुक्त किया है. सीरियाई गृहयुद्ध के कारण 2012 में सऊदी दूतावास बंद होने के बाद दमिश्क में यह पहली राजदूत नियुक्ति है. सीरिया में रियाद के नए राजदूत फैसल अल-मुजमल होंगे. एक दशक से भी अधिक समय पहले दोनों देशों के राजनयिक संबंधों में कटौती के बाद सऊदी अरब ने इस साल की शुरुआत में सीरिया में अपना दूतावास फिर से खोल दिया है. नवनियुक्त दूत ने कहा कि उन्हें राज्य के हितों की सेवा करने और दो भाईचारे वाले देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के मजबूत होने की उम्मीद है.
सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के लिए अरब राज्यों द्वारा उठाए गए कदमों में अब तक का सबसे महत्वपूर्ण कदम है. जिन्हें 2011 में सीरिया के गृह युद्ध शुरू होने के बाद कई पश्चिमी और अरब देशों ने त्याग दिया था.मई 2023 में, सऊदी अरब ने दमिश्क में अपने राजनयिक मिशन को फिर से खोल दिया जो सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार के सहयोगी रियाद और तेहरान के बीच चीन की मध्यस्थता में मेल-मिलाप के बाद 2012 से बंद था. इसके अलावा पिछले साल मई में, असद ने क्षेत्रीय मंच से 13 साल के निलंबन के बाद सऊदी शहर जेद्दा में अरब लीग शिखर सम्मेलन में भाग लिया था. एक सीरियाई राजदूत ने दिसंबर में रियाद से काम करना शुरू किया, और सऊदी अरब ने कुछ ही समय बाद दमिश्क में एक चार्ज डी’एफ़ेयर भेजा.
गृहयुद्ध में 5 लाख लोगों की मौत
2011 में लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शनों पर की गई कार्रवाई के बाद अरब ने असद सरकार के साथ संबंध तोड़ दिए, जिसके बाद यह संघर्ष गृहयुद्ध में बदल गया, जिसमें 500,000 से अधिक लोग मारे गए और लाखों लोग विस्थापित हुए. सीरिया में गृहयुद्ध में तब्दील हो चुके विद्रोह ने करीब पांच लाख लोगों की जान ले ली है. वहीं देश की 23 मिलियन की आधी आबादी विस्थापित हो गई है. इसे समाप्त करने के लिए एक व्यवहारिक राजनीतिक समाधान खोजने के प्रयास किए जा रहे हैं.
राजनयिक संबंधों को फिर से स्थापित करने पर सहमति
फरवरी 2023 में तुर्की और उत्तरी सीरिया में आया विनाशकारी 7.8 तीव्रता का भूकंप अधिकांश अरब देशों के लिए राष्ट्रपति असद के साथ संबंध बहाल करने के लिए प्रेरक थे. मार्च 2023 में सऊदी अरब और ईरान बीजिंग में बातचीत के बाद राजनयिक संबंधों को फिर से स्थापित करने पर सहमत हुए थे. जो दोनों देशों के बीच संघर्ष को कम करने के उद्देश्य से एक बड़ी राजनयिक सफलता थी.
सीरिया में असद सरकार और लेबनानी हिजबुल्लाह समूह के लिए ईरान एक प्रमुख राजनीतिक और सैन्य सहयोगी रहा है. यमन में सऊदी अरब ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार को बहाल करने के प्रयास में 2015 से ईरान समर्थित हैती विद्रोहियों के खिलाफ गठबंधन का नेतृत्व किया है. यह संघर्ष हाल के वर्षों में सऊदी अरब और ईरान के बीच युद्ध में बदल गया है.