सऊदी अरब में हुई मुस्लिम देशों की एक बैठक और लाइन पर आ गया इजराइल! क्या रुक जाएगी जंग?
इस्माइल हानिया की मौत को लेकर ईरान के आह्वान पर मुस्लिम देशों के सबसे बड़े संगठन OIC की बैठक बुलाई गई. सऊदी अरब के जेद्दा में बुधवार को हुई इस बैठक के 24 घंटे के भीतर ही इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सुर बदले-बदले नजर आ रहे हैं. कल तक जो नेतन्याहू गाजा में संघर्ष विराम के लिए आना-कानी कर रहे थे वह अब बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं.
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने गुरुवार को कहा है कि इजराइल गाजा में संघर्ष विराम की वार्ता को फिर से शुरू करने के लिए राज़ी है. अमेरिका, कतर और मिस्र के मध्यस्थों की मांग पर इजराइल ने 15 अगस्त को बातचीत के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजने पर सहमति जताई है.
Pursuant to the proposal by the US and the mediators, Israel will on 15 August send the negotiations team to a place to be determined in order to finalize the details of the implementation of the framework agreement.
— Prime Minister of Israel (@IsraeliPM) August 9, 2024
इससे पहले गाजा में युद्धविराम के लिए मध्यस्थता करने वाले अमेरिका, मिस्त्र और कतर की ओर से एक साझा बयान जारी किया गया था. इस बयान में इजराइल और हमास के नेताओं से बातचीत दोबारा शुरू करने की अपील की गई थी. साथ ही कहा गया है कि इस वार्ता के लिए अब और समय बर्बाद करने का कोई औचित्य नहीं है, न ही किसी भी पक्ष के पास और देरी के लिए कोई बहाना है.
बातचीत में हमास के शामिल होने का भरोसा
वहीं अमेरिकी अधिकारियों ने भरोसा जताया है कि इस्माइल हानिया की हत्या के बावजूद हमास युद्धविराम के लिए बातचीत फिर से शुरू कर सकता है. दरअसल इस्माइल हानिया हमास के पॉलिटिकल लीडर थे और हमास की ओर से इस वार्ता की अध्यक्षता हानिया ही कर रहे थे, लेकिन 31 जुलाई को तेहरान में उनकी हत्या के बाद संघर्षविराम की कोशिशों के बड़ा झटका लगा है.
इस्माइल हानिया की मौत के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने फोन पर नेतन्याहू से बात की थी. इस बातचीत में दोनों के बीच संघर्षविराम को लेकर काफी तीखी बहस की खबरें सामने आईं. जानकारी के मुताबिक नेतन्याहू ने बाइडेन से कहा था कि लंबी बातचीत के बावजूद संघर्षविराम को लेकर कोई नतीजा नहीं निकला है, तब बाइडेन की ओर से नेतन्याहू को सख्त हिदायत दी गई थी.
OIC की बैठक के बाद बदले सुर!
वहीं अब OIC की बैठक में भी इजराइल की आलोचना की गई. यही नहीं सऊदी अरब ने भी तेहरान में हुई इस्माइल हानिया की हत्या को लेकर कड़ी निंदा की है, सऊदी ने इसे ईरान की संप्रभुता का खुला उल्लंघन माना है. माना जा रहा है कि ईरान के आक्रामक रवैये और उसे मुस्लिम देशों के मिल रहे समर्थन की वजह से इजराइल पर दबाव बढ़ता ही जा रहा था, जिसकी वजह से इजराइल को बातचीत के लिए हामी भरनी पड़ी.
Saudi Arabia says Hamas leader’s killing was ‘blatant violation’ of Iran’s sovereignty
— MSN (@MSN) August 8, 2024
इजराइल 10 महीने से गाजा में हमास के खिलाफ जंग लड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर से हिजबुल्लाह के हमलों को रोकने और उसका जवाब देने में भी इजराइली सेना लगी हुई है. इजराइल की जनता बंधकों की रिहाई को लेकर लगातार नेतन्याहू सरकार की आलोचना कर रही है, ऐसे में ज़ाहिर है इजराइली प्रधानमंत्री एक और युद्ध का खतरा मोल नहीं लेना चाहेंगे.
कतर, अमेरिका और इजिप्ट मध्यस्थता में एक बार फिर संघर्षविराम के लिए वार्ता बुलाई गई है. यह बैठक 15 अगस्त को दोहा, क़तर या काहिरा में हो सकती है. वहीं इजराइली प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म X पर पोस्ट कर बताया गया है कि इजराइल 15 अगस्त को अपना प्रतिनिधिमंडल तय स्थान पर भेजेगा ताकि युद्धविराम के समझौते को अंतिम रूप दिया जा सके.