सऊदी में एक साथ जुटे दर्जनों मुस्लिम देश, क्या इजराइल के खिलाफ लिया कोई फैसला?

सऊदी अरब के जेद्दा शहर में मुस्लिम देशों के सबसे बड़े संगठन OIC (Organisation of Islamic Cooperation) की बैठक हुई है. ये बैठक ईरान के आह्वान पर आयोजित हुई और हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या और गाजा जंग पर केंद्रित रही. मीटिंग में OIC के सेक्रेटरी जनरल ने कहा कि इजराइल की आक्रामकता को रोकने के लिए सभी को एक साथ आना होगा. अपने भाषण में OIC के महासचिव हुसैन इब्राहिम ताहा ने गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनी लोगों के साथ हो रहे युद्ध अपराधों और नरसंहार की कड़ी निंदा की है.
उन्होंने कहा, “इजराइली कब्जे की ओर से इन अपराधों को लगातार जारी रखना, इजराइल के सभी मानदंडों, अंतरराष्ट्रीय कानूनों और प्रस्तावों की घोर अवहेलना को दर्शाता है.” महासचिव ने इजराइल को रोकने और उसके अपराधों के लिए जिम्मेदार ठहराने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपनी जिम्मेदारी निभाने का आह्वान किया है. साथ ही संयुक्त राष्ट्र से अपील की कि वे अपने कर्तव्य का पालन करे और इजराइल के हमलों को रोके.

Final Communiqué Adopted by
The Open-Ended Extraordinary Meeting of the Executive Committee At the Level of Foreign Ministers of the Member States
of the Organization of Islamic Cooperation to Discuss the ongoing crimes by Israel, the Illegal
Occupying Power, Against the pic.twitter.com/dv8FEdZTuk
— OIC (@OIC_OCI) August 7, 2024

इस बैठक में उम्मीद की जा रही थी कि ईरान दूसरे अरब देशों को इजराइल पर हमला करने के लिए मनाएगा. मीटिंग के फाइनल डिकलेरेशन में इजराइल की कार्रवाइयों की कड़ी निंदा तो की गई, लेकिन उस पर कोई सैन्य एक्शन लेने की बात नहीं की गई है.
फिलिस्तीन राज्य पर वीटो की निंदा
OIC महासचिव ने फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना पर लाए गए प्रस्तावों पर अेरिका के वीटो करने और UNRWA को आतंकवादी संगठन घोषित करने सहित सभी अवैध इजरायली तरीकों की भी निंदा की. साथ ही उन्होंने अपील की कि UNRWA को और ज्यादा राजनीतिक और वित्तीय सहायता दी जाए, ताकि यह फिलिस्तीनी शरणार्थियों को बुनियादी सेवाएं दे सके.
ईरान की संप्रभुता पर हमला
इस्माइल हानिया की तेहरान में मौत को OIC ने ईरान की संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा पर हमला और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के प्रावधानों का घोर उल्लंघन बताया है.
31 जुलाई को ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के बाद हानिया की हत्या कर दी गई थी. हमास और ईरान ने हानिया की हत्या के लिए इजराइल पर आरोप लगाया, तेल अवीव ने इसकी जिम्मेदारी या खंडन नहीं किया है.

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