सचिन ने जहां बैट घुमाना सीखा, उस मैदान पर होगा ये खास काम, महाराष्ट्र सरकार ने उठाया बड़ा कदम

सचिन तेंदुलकर की भारत ही नहीं पूरी दुनिया के महान क्रिकेटर्स में होती है. इसलिए उनसे जुड़ी हर चीज खास है और उनसे जुड़ी हर चीज को सहेज कर रखा जाता है. सचिन को दुनिया के सामने पेश करने वाले उनके बचपन कोच रमाकांत आचरेकर की भी गिनती उन्हीं खास शख्सियत में होती है. रमाकांत आचरेकर ने भारत को केवल सचिन ही नहीं बल्कि विनोद कांबली और अजीत अगरकर समेत कई टैलेंटेड खिलाड़ी तैयार करके दिए. सचिन ने जिस शिवाजी पार्क में उनकी निगरानी में क्रिकेट की A,B,C,D सीखी अब वहां एक खास काम होने जा रहा है. दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने फैसला किया है कि शिवाजी पार्क में रमाकांत आचरेकर की 6 फीट ऊंची मूर्ती बनाएगी. इस बात की जानकारी खुद सचिन ने दी है और सरकार के इस फैसले पर खुशी जताई है.
सचिन ने क्या कहा?
सचिन तेंदुलकर ने शिवाजी पार्क से क्रिकेट की शुरुआत की थी. तब रमाकांत आचरेकर उनके गुरु हुआ करते थे. महाराष्ट्र सरकार ने भारतीय क्रिकेट में उनके गुरु के योगदान को देखते हुए स्मारक बनाने का फैसला किया है. इस पर सचिन काफी गदगद दिखे और सोशल मीडिया के जरिए अपनी खुशी जाहिर. उन्होंने कहा कि “आचरेकर सर का उनके जैसे कई खिलाड़ियों के जीवन पर प्रभाव रहा. शिवाजी पार्क में ही उनका जीवन क्रिकेट के इर्दगिर्द घूमता रहा. उनकी भी यही चाहत रही होगी कि वो हमेशा यहीं रहें. मैं उनकी कर्मभूमि पर मूर्ति बनाने के फैसले के साथ हूं.” महाराष्ट्र सरकार भले ही मूर्ति बनवा रही है, लेकिन इसके बाद कोई आर्थिक सहायता नहीं करेगी. इसके रखरखाव की पूरी जिम्मेदारी बीवी कामथ मेमोरियल क्लब की होगी.

Achrekar Sir has had an immense impact on my life and several other lives. I am speaking on behalf of all his students.
His life revolved around cricket in Shivaji Park. Being at Shivaji Park forever is what he would have wished for.
I am very happy with the governments pic.twitter.com/NIyVeYOy56
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) August 29, 2024

रमाकांत आचरेकर की सफलता
रमाकांत आचरेकर ने अपने करियर में ज्यादा क्रिकेट नहीं खेल सके. उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट केवल 1 मैच खेले थे. आचरेकर ने 1943 से 1945 तक क्रिकेट खेली, इसके कामथ मेमोरियल क्रिकेट क्लब से कोचिंग की शुरुआत की. उन्होंने इस क्लब से देश को कई खिलाड़ी दिए, जिसमें सचिन सबसे ज्यादा मशहूर हैं. कोचिंग में ही उन्हें सबसे ज्यादा प्रसिद्धि मिली. उनके योगदान के लिए 1990 में उन्हें द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. इसके बाद 2010 में पद्म श्री अवॉर्ड भी सम्मानित हुए.

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