सत्यापन पूरा क्यों नहीं किया? SC ने राशन कार्ड जारी करने में देरी को लेकर राज्यों को लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने राशन कार्ड जारी करने के लिए ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत प्रवासी मजदूरों के सत्यापन में देरी का संज्ञान लिया है. कोर्ट ने सत्यापन में देरी के लिए डिफॉल्टर राज्यों को मंगलवार को फटकार लगाई और उन्हें चार सप्ताह के भीतर यह काम पूरा करने का निर्देश दिया है.
सर्वोच्च अदालत ने केंद्र को उन राज्यों को खाद्यान्न जारी करने का भी निर्देश दिया, जिन्होंने प्रवासी मजदूरों का सत्यापन पूरा कर लिया है. जस्टिस सुधांशु धूलिया और न्यायाधीश अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने इस पर सुनवाई की. देरी को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए पीठ ने कहा कि यदि राज्य निर्धारित समय के भीतर सत्यापन प्रक्रिया पूरी करने में विफल रहते हैं तो वह संबंधित सचिवों को तलब करेंगे.
सत्यापन चार महीने में पूरा क्यों नहीं किया जा सका- SC
सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सत्यापन चार महीने में पूरा क्यों नहीं किया जा सका. यह बहुत अधिक है. चार महीने बाद भी आप इसे कर रहे हैं और यह कहने का साहस कर रहे हैं कि दो महीने और चाहिए. अदालत ने कहा कि, हम निर्देश देते हैं कि पूरा सत्यापन चार सप्ताह में पूरा किया जाए. कोर्ट ने इस मौके पर बिहार और तेलंगाना की तारीफ की.
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पीठ ने कहा कि बिहार और तेलंगाना ही ऐसे राज्य हैं जहां प्रवासी मजदूरों का सौ फीसदी सत्यापन पूरा कर लिया गया है. कोर्ट ने इस बाबत केंद्र को इन राज्यों को खाद्यान्न जारी करने का निर्देश दिया. कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि ज्यादातर राज्य ये काम पूरा नहीं कर पाए हैं, जिससे लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई के लिए 27 अगस्त का तारीख तय किया है. वहीं, इससे पहले कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत करीब आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों को दो महीने के भीतर राशन कार्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.