सपा के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को राहत, आय से अधिक संपत्ति मामले में मिली जमानत

उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को ईडी द्वारा दाखिल मुकदमे में कोर्ट से राहत मिली है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने यह फैसला सुनाया है. हालांकि, जमानत मिलने के बाद भी प्रजापति को पहले से चल रहे अन्य मामलों के कारण जेल में ही रहना पड़ेगा. 2020 में लोक आयुक्त की रिपोर्ट के आधार पर यूपी विजिलेंस ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति, अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित करने समेत कई आरोपों के तहत मामला दर्ज किया था, जिसे आधार बनाकर ईडी ने भी उनके खिलाफ जांच शुरू की थी.
गायत्री प्रजापति के वकील ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की अदालत ने जमानत मंजूर की है.
अभी भी जेल में रहना होगा
हालांकि, प्रजापति को पूर्व के कई मामलों की वजह से अभी जेल में ही रहना होगा. चार दिन पहले ही नाबालिग के साथ बलात्कार के आरोप में उनकी जमानत याचिका हाईकोर्ट की डबल बेंच ने खारिज कर दी थी. 18 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रसाद प्रजापति और छह आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने गैंगरेप, जानमाल की धमकी और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ. जिसके बाद अदालत ने उन्हें दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा दी कई बार प्रजापति ने जमानत के लिए अर्जी डाली, लेकिन हर बार याचिका खारिज कर दी गई.
क्या था पूरा मामला?
समाजवादी पार्टी की सरकार में गायत्री प्रसाद खनन मंत्री रह चुके हैं. इन पर चित्रकुट की एक महिला ने नाबालिक बेटी के साथ गैंगरोप का आरोप लगाया था. महिला का आरोप था कि प्रजापति उनसे मिलने के लिए उसके घर जाते थे. इसके बाद मंत्री और उनके साथियों ने उसे नशीली चीज दे दी और फिर नाबालिक बेटी के साथ गैंगरेप किया. मामले की शिकायत पुलिस से किए जाने के बाद प्रजापति की तरफ से पीड़िता के परिवार को धमकी देने की बात भी सामने आई थी.

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