सब बर्दाश्त कर सकता हूं, लेकिन मां का अपमान नहीं…चिराग ने क्यों कही ये बात?

टीवी9 भारतवर्ष के खास कार्यक्रम ‘5 एडिटर्स’ में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान थोड़ी देर के लिए भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि मैं सबकुछ बर्दाश्त कर सकता हूं, लेकिन मां का अपमान नहीं बर्दाश्त कर सकता. चिराग ने कहा कि मेरे पिता के साथ मेरी मां ने ‘हाईएस्ट ऑफ हाई’ देखा लेकिन उनके जाने के बाद मेरी वजह से उन्हें ‘लोएस्ट ऑफ लो’ देखना पड़ा. ये चीजें मुझे बर्दाश्त नहीं हुईं.
पिता के चले जाने के बाद पार्टी टूटने, परिवार बिखरने, घर छिनने, चाचा के घर के बाहर रात भर खड़े रहने के पुराने दिनों को याद करते हुए चिराग ने कहा कि जब मेरे अपने खून ने ही पीठ में खंजर घोंपा तो मैं बाहर वाले से क्या शिकायत करता. पिछले तीन सालों में पार्टी को पहले की स्थिति में लेकर आया. मेरी मां को सब जानते हैं. वह काफी स्ट्रॉन्ग लेडी हैं. उन्होंने वैसी परिस्थिति पहले कभी नहीं देखी थी.
चिराग ने कहा कि मुझे ये बात बार-बार कचोट थी कि मेरी मां ने मेरे पिता के साथ क्या कुछ नहीं देखा लेकिन आज मेरी वजह से उन्हें ये हालत देखनी पड़ रही है. वहीं, जब चिराग से ये पूछा गया कि जब आप चाचा के घर के बाहर रात भर खड़े रहे और उन्होंने मिलने से मना कर दिया..वो लम्हा कैसा था? चिराग ने कहा मैं आपसे एक घटना साझा करना चाहता हूं, जब ये सारी चीजें हुईं.
‘मां से वादा किया था हर खोई चीज वापस लाऊंगा’
उन्होंने कहा कि मैंने अपनी मां को कभी रोते नहीं देखा लेकिन उस रात मेरी मां एक कमरे के कोने में रो रही थीं. मैं जाकर उन्हें उठाया और हग किया और उनसे वादा किया था कि हर खोई चीज वापस लाऊंगा. चिराग ने आगे कहा कि आज मुझे इस बात की संतुष्टि है कि आज मैंने जो अर्जित किया वो अपने दम पर किया है. संघर्ष नहीं करता तो अनुकंपा से मंत्री बना होता. पार्टी के साथ खड़े लोगों ने हमें नई हिम्मत दी.
वहीं, चिराग से जब ये पूछा गया कि आपको घर मिल गया, सम्मान मिल गया, प्रतिष्ठा मिल गई लेकिन क्या आपको लगता है कि घर फिर से जुड़ पाएगा, परिवार वापस जुड़ पाएगा? इस सवाल पर चिराग ने कहा कि मैं सब भूल जाता. मैं जल्दी किसी से शिकायत नहीं करता. मगर मैं वो बातें भूल नहीं सकता. अगर आपकी नाराजगी मुझसे थी, इसमें मेरी मां की क्या गलती थी?
कोई भी बेटा मां का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा
वो आपको फोन करती रहीं लेकिन आपने फोन नहीं उठाया. तीन-चार दिन लगातार फोन करती थीं लेकिन आपने कोई रेसपॉन्स नहीं किया. कितने लोगों को आपके पास भेजा लेकिन आपने कोई जवाब दिया. मॉम ने उन्हें चार पन्नों का पत्र भेजा लेकिन उन्होंने बिना उसे खोले वापस लौटा दिया. मैं या कोई भी बेटा सब बर्दाश्त कर लेगा लेकिन अपनी मां का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा.

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