सरकार का बड़ा ऐलान, विंडफॉल टैक्स में की बड़ी कटौती, क्या अब सस्ते हो जाएंगे डीजल-पेट्रोल?
सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित टैक्स यानी विंडफॉल टैक्स को 4,600 रुपए प्रति टन से घटाकर 2,100 रुपए प्रति टन कर दिया है. यह टैक्स विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) के रूप में लगाया जाता है. डीजल, पेट्रोल और जेट ईंधन (एटीएफ) के निर्यात पर एसएईडी को शून्य पर बरकरार रखा गया है. बता दें कि सरकार हर 15 दिन के अंतराल पर विंडफॉल टैक्स की समीक्षा करती है. यह सरकार तय करती है कि उसे बरकरार रखना है या उसमें कोई बदलाव करना है.
क्या है आदेश?
आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि नई दरें 17 अगस्त दिन शनिवार से प्रभावी हो गई हैं. भारत ने पहली बार एक जुलाई, 2022 को अप्रत्याशित लाभ टैक्स लगाया, जिससे वह उन देशों में शामिल हो गया जो ऊर्जा कंपनियों के असाधारण लाभ पर कर लगाते हैं. हर पखवाड़े पिछले दो सप्ताह में औसत तेल कीमतों के आधार पर कर दरों की समीक्षा की जाती है. बता दें कि वैश्विक स्तर पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट कच्चा तेल 0.49 प्रतिशत की तेजी के साथ 77.78 डॉलर प्रति बैरल हो गया है, जबकि ब्रेंट क्रूड का दाम 0.33 प्रतिशत बढ़कर 80.77 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था. हालांकि इससे पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
क्या होता है विंडफॉल टैक्स
अगर आप विंडफॉल टैक्स के बारे में नहीं जानते हैं तो हम आपको बता रहे है कि विंडफॉल टैक्स क्या है, किन कम्पनियों पर लगता है और क्यों लगाया जाता है. विंडफॉल टैक्स ऐसी कंपनियों या इंडस्ट्री पर लगाया जाता है, जिन्हें किसी खास तरह की परिस्थितियों में तत्काल काफी लाभ होता है. भारत की तेल कंपनियां इसका अच्छा उदाहरण हैं. यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया. इससे तेल कंपनियों को काफी फायदा मिला था. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण तेल कंपनियां भारी मुनाफा काट रही थीं, इसलिए उन पर विंडफॉल टैक्स लगाया गया था. भारत ही नहीं इटली और यूके ने भी अपनी एनर्जी कंपनियों पर यह टैक्स लगाता है.