सरकार को कॉरपोरेट से दोगुना टैक्स देता है आम आदमी, ये रहा आंकड़ा
देश में हजारों लाखों करोड़ रुपए के कंपनी चलाने वालों के मुकाबले सरकार को आम आदमी से ज्यादा कमाई होती है. जी हां ये हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि सरकार की ओर से जारी आंकड़ें ही सारी कहानी बयां कर रहे हैं. सरकार को कॉरपोट टैक्स के मुकाबने पर्सनल इनकम टैक्स से दोगुना कमाई होती है. सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष में सरकार को नेट डायरेक्ट कलेक्शन में 22 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है. कुल टैक्स डायरेक्ट कलेक्शन में करीब 65 फीसदी हिस्सेदारी पर्सनल इनकम टैक्स की है. जबकि कॉरपोरेट टैक्स की हिस्सेदारी सिर्फ 32 फीसदी है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के आंकड़ें किस तरह के सामने आए हैं?
22 फीसदी से ज्यादा का इजाफा
चालू वित्त वर्ष में 11 अगस्त तक नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 22.48 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. इसका मतलब है कि नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का आंकड़ा बढ़कर लगभग 6.93 लाख करोड़ रुपए हो गया. सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस टैक्स कलेक्शन में 4.47 लाख करोड़ रुपए का पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन है. जोकि कुल टैक्स कलेक्शन का करीब 65 फीसदी है. वहीं दूसरी ओर कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 2.22 लाख करोड़ रुपए का है. जोकि कुल टैक्स कलेक्शन का 32 फीसदी है. खास बात तो ये है कि पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन से दोगुना देखने को मिल रहा है.
यहां से भी हुई कमाई
सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) से सरकार को 21,599 करोड़ रुपए मिले हैं. वहीं दूसरी ओर अन्य करों (जिसमें समानीकरण शुल्क और उपहार कर शामिल हैं) से सरकार को 1,617 करोड़ रुपए की कमाई हुई. बयान के मुताबिक, इस साल एक अप्रैल से 11 अगस्त के बीच 1.20 लाख करोड़ रुपए के रिफंड जारी किए गए, जो 33.49 फीसदी की वृद्धि है. इस तरह ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 24 फीसदी बढ़कर 8.13 लाख करोड़ रुपए रहा. कलेक्शन में 4.82 लाख करोड़ रुपये का पर्सनल इनकम टैक्स (पीआईटी) और 3.08 लाख करोड़ रुपए का कॉरपोरेट टैक्स शामिल है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में डायरेक्ट टैक्स से 22.07 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य तय किया है.