सहयोगी, चुनाव और युवाओं को साधने वाला बजट, इसके बड़े राजनीतिक संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में तीसरी बार सरकार बनाने में भले ही कामयाब रहे हों, लेकिन लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को तगड़ा झटका लगा है. मोदी सरकार को चलाने के लिए सहयोगी दलों के सहारे की जरूरत है. ऐसे में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्णकालिक बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को पेश कर सरकार की अपनी दशा और दिशा तय कर दी है. बजट के जरिए मोदी सरकार ने एक तरफ अपने अहम सहयोगी टीडीपी और जेडीयू को साधे रखने का दांव चल दिया. इसके अलावा 2024 के चुनाव में खिसके वोटबैंक को दोबारा से वापस लाने के लिए खजाना खोल दिया है ताकि आगामी विधानसा चुनाव में सियासी समीकरण को फिर से मजबूत बनाया जा सके.
बीजेपी को 2024 के लोकसभा चुनाव में सीटों का ही नुकसान नहीं उठाना पड़ा बल्कि बहुमत के आंकड़े से भी वह दूर रह गई थी. इसके चलते पीएम मोदी को सहयोगी दलों की बैसाखी के सहारे सरकार चलानी पड़ रही है. घटक दलों के दबाव में आए बिना सरकार चलाने के लिए पीएम मोदी ने टीडीपी और जेडीयू दोनों ही सहयोगियों को खुश करने का दांव चला, जिसके लिए आंध्र प्रदेश और बिहार के लिए मोटे पैकेज का ऐलान किया. इसके अलावा युवा, किसान, मिडिल क्लास से लेकर आदिवासी समुदाय को भी राहत देने के लिए बजट में कई घोषणाएं की है. ऐसे में बजट के जरिए मोदी सरकार ने कई बड़े सियासी संदेश दिए हैं.
नीतीश-नायडू पर जमकर मेहरबानी
मोदी सरकार ने बजट के जरिए अपने उन सहयोगी दलों को साधने की कवायद की है, जिनकी बैसाखी के सहारे केंद्र सरकार टिकी हुई है. चंद्रबाबू नायडू की पार्टी के 16 सांसद और जेडीयू के 12 सांसद हैं. ये दोनों नेता अपने-अपने राज्य के लिए स्पेशल स्टेट्स की मांग कर रहे थे, लेकिन आईएमजी की रिपोर्ट के आधार पर मोदी सरकार ने मांग मांगने से इनकार कर दिया. ऐसे में मोदी सरकार ने अपने दोनों ही सहयोगी दलों को साधे रखने के लिए खास पैकेज का ऐलान किया. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने आंध्र प्रदेश के लिए इस वित्त वर्ष में 15 हजार करोड़ के पैकेज का ऐलान किया है. इसके अलावा सरकार ने आगामी वर्षों में अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था करने का भी वादा किया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए समन्वित प्रयास किया जाएगा. बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से आंध्र प्रदेश को वित्तीय सहायता की सुविधा प्रदान करेंगे. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार आंध्र प्रदेश के पोलावरम सिंचाई परियोजना को जल्दी पूरा कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. इससे हमारे देश को खाद्य सुरक्षा में भी सहायता मिलेगी.
विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे में कोप्पार्थी क्षेत्र में बुनियादी ढांचे पर जोर दिया जाएगा. आर्थिक विकास के लिए पूंजीगत निवेश की एक वर्ष तक अतिरिक्त आवंटन किया गया है. अधिनियम में रायलसीमा, प्रकाशम और उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों के लिए अनुदान दिया जाएगा.
बिहार के लिए भी हजारों करोड़
आंध्र प्रदेश की तरह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार के लिए 58 हजार 900 करोड़ रुपये का पैकेज का ऐलान किया है. बिहार की सड़क-संपर्क परियोजनाओं के लिए 26 हजार करोड़ रुपये आवंटित किया गया है. पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे और बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाएगा. बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा सड़क संपर्क परियोजनाओं का भी विकास होगा. बिहार में 21 हजार 400 करोड़ रुपये की लागत से विद्युत परियोजनाएं शुरू की जाएंगी.
इसके अलावा बिहार को बाढ़ से निपटने के लिए 11.50 हजार करोड़ की घोषणा की गई है. साथ ही काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के तर्ज पर महाबोधी कॉरिडोर, गया के विष्णुपद मंदिर के लिए कॉरिडोर और राजगीर के तीर्थ क्षेत्रों का भी विकास होगा. नालंदा को भी पर्यटन केंद्र के रूप में मजबूत करने के लिए वहां विकास जाएगा. इस तरह से बिहार पर मोदी सरकार मेहरबान नजर आई है.
युवाओं को साधने का बड़ा दांव
मोदी सरकार ने बजट के जरिए देश के युवाओं की नाराजगी को दूर करने के लिए कई अहम कदमों का ऐलान किया है. निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि 2 लाख करोड़ रुपये के केंद्रीय परिव्यय के साथ 5 वर्षों में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा के लिए 5 योजनाओं और पहलों के लिए प्रधानमंत्री पैकेज की घोषणा करते हुए हमें खुशी हो रही है. इस साल हमने शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.
इन योजनाओं को स्कीम A, स्कीम B और स्कीम C कैटेगरी में बांटा गया है. 500 कंपनी में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप देने का प्रावधान रखा गया है और 12 महीने तक 5 हजार रुपये हर मीने द देने का वादा किया है. इसके अलावा एजुकेशन लोन पर 3 फीसदी की छूट देने का भी ऐलान किया है.
नीट-यूजी, नेट जैसी परीक्षाओं में धांधली और रोजगार की समस्या को लेकर केवल विपक्ष दल ही मोदी सरकार पर हमलावर नहीं है, बल्कि देश के युवाओं में भी नाराजगी है. लोकसभा चुनाव में युवाओं की नाराजगी बीजेपी के लिए महंगी पड़ी है, जिसे दूर करने के लिए ही मोदी सरकार ने बजट के जरिए बड़ा दांव चला है. इस तरह मोदी सरकार अपने कोर वोटबैंक रहे युवाओं को फिर से जोड़ने के तहत ही बजट में खास प्रावधान रखा है. निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण पढ़ने की शुरुआत में ही युवाओं पर खास फोकस रखा और एक-एक कर कई लोकलुभावने घोषणाएं की है.
मीडिल क्लास पर भी खास फोकस
मोदी सरकार के तीसरी बार सत्ता में आने में सबसे अहम योगदान मीडिल क्लास का रहा है. ऐसे में वित्त मंत्री ने बजट में मिडिल क्लास को सौगात देकर साधे रखने का दांव चला है. मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में टैक्स स्लैब में बदलाव करके राहत देने की कोशिश की है. अभी तक न्यू टैक्स रिजीम में 50,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को 75 हजार कर दिया है. इसके अलावा 0 से 3 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं लगेगा. 3-7 लाख रुपये की आय पर 5% और 7-10 लाख रुपये की आय पर 10% आयकर लगेगा. वहीं 10-12 लाख की आय पर 15% और 12-15 लाख रुपये की सालाना आय पर 20%, और 15 लाख से अधिक की आय पर 30% आयकर लगेगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि पारिवारिक पेंशन पर छूट की सीमा 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपये की जा रही है. वित्त मंत्री ने कहा कि इन दोनों बदलावों से चार करोड़ नौकरीपेशा और पेंशनर्स को फायदा मिलेगा. इसके अलावा मोबाइल फोन और उपकरणों के घरेलू उत्पादन में इजाफा होगा. मोबाइल फोन, मोबाइल चार्जर पर सीमा शुल्क घटाया. कैंसर के मरीजों के लिए तीन और दवाओं को पूरी तरह सीमा शुल्क से मुक्त कर दिया जाएगा. इसी तरह एक्सरे ट्यूब, फ्लैट पैनल डिटेक्टर में भी सीमा शुल्क घटाए जाने का वादा किया है. सोने और चांदी पर सीमा शुल्क छह फीसदी और प्लेटिनम पर 6.4 फीसदी सीमा शुल्क घटाया जाएगा.
किसान-महिला और गरीब कल्याण
निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को 5 साल के लिए बढ़ाया गया है, जिसका लाभ देश के 80 करोड़ लोगों को मिल रहा है. बजट में सरकार ने गरीबों को राहत देते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को पांच साल के लिए बढ़ाने का फैसला लिया है. इके अलावा सरकार ने 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए घर देने का ऐलान किया. इसके लिए सरकार 10 लाख करोड़ रुपए का निवेश करेगी. इसके साथ ही केंद्रीय बजट 2024-2025 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 3 करोड़ अतिरिक्त आवास बनाने का फैसला लिया गया है.
वित्त मंत्री सीतारमण ने किसानों को साधने और उनकी नारजगी को दूर करने का दांव चला है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार की कृषि, रोजगार और सामाजिक न्याय प्राथमिकताएं हैं. कृषि क्षेत्र की उत्पादकता और क्षमता प्राथमिकता बेहद जरूरी है. दलहन-तिलहन की उत्पादकता और भंडारण बढ़ाएंगे. ऐसे में 30 फसलों की 109 किस्में जल्द मिलेंगी. कृषि में डिजिटल ढांचे को मजबूती देंगे, जिसके लिए 400 जिलों में फसलों का डिजिटल सर्वे होगा.
वित्त मंत्री ने खेती और उससे जुड़े सेक्टरों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए दिए हैं. इस बार किसानों के लिए बजट 21.6% यानी 25 हजार करोड़ रुपए बढ़ाया गया. इस तरह मोदी सरकार ने हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव में किसानों की नाराजगी को दूर करने का दांव चला है.
महिलाओं को लेकर मोदी सरकार ने खजाना खोला. वित्त मंत्री ने महिलाओं और लड़कियों को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपए का ऐलान किया. कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए सरकार कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास स्थापित करेगी. पूर्वोत्तर क्षेत्र में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की 100 से अधिक शाखाएं स्थापित की जाएंगी. इस तरह से मोदी सरकार ने अपने साइलेंट वोटर यानि महिलाओं को साधने की कवायद करते नजर आए हैं.

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