सही फैसलों से Paytm को मिली शानदार ‘विजय’, ऐसे बढ़ा कंपनी का रेवेन्यू

देश के सबसे बड़े डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म में से एक पेटीएम की मालिक कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस की ताकत फिर से दिखाई दे रही है. कंपनी का ऑपरेटिंग रेवेन्यू तिमाही दर तिमाही सुधर रहा है और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 1500 करोड़ रुपए के स्तर को पार कर चुका है. पेटीएम ने हाल में अपनी सर्विसेस को बेहतर किया है और यूपीआई पेमेंट के अलावा क्यूआर कोड पेमेंट सर्विस, साउंड बॉक्स और अन्य फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स पर ध्यान दिया है.
अपने समय तक का देश में सबसे बड़ा आईपीओ लाने वाली पेटीएम ही लाई थी. कंपनी के फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने हाल में कई अहम फैसले लिए हैं, जिसका असर उसके कामकाज पर दिख रहा है. अब कंपनी ने अपने तिमाही परिणामों का ऐलान कर दिया है. ऑपरेटिंग रेवेन्यू बेहतर होने से कंपनी के ओवरऑल घाटे में गिरावट दर्ज की गई है.
पेटीएम का ऑपरेटिंग रेवेन्यू बेहतर
पेटीएम ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया है कि अप्रैल-जून में उसका ऑपरेटिंग रेवेन्यू 1502 करोड़ रुपए रहा है. कंपनी की टैक्स चुकाने से पहले की इनकम (EBITDA) की गणना करने पर उसका नेट लॉस 792 करोड़ रुपए रहा है. कंपनी का कहना है कि रेवेन्यू बेहतर होने से आने वाले समय में उसकी प्रॉफिटेबिलिटी भी अच्छी होने की उम्मीद है.
कंपनी की फाइनेंशियल सर्विसेस से इनकम 280 करोड़ रुपए रही है. जबकि मार्केटिंग सर्विसेस से कंपनी ने 321 करोड़ रुपए का रेवेन्यू कमाया है. कंपनी का 50 मार्जिन 50 प्रतिशत रहा है, जिससे कंट्रीब्यूशन प्रॉफिट 755 करोड़ रुपए रहा है. कंपनी की बैलेंस शीट बेहतर हुई है और उसके पास 8,108 करोड़ रुपए का कैश है.
पेटीएम के प्रवक्ता का कहना है कि हमारा कंज्यूमर बेस स्थिर हुआ है. वहीं मर्चेंट ऑपरेटिंग मीट्रिक्स में सुधार देखने को मिलता है. ये आने वाले दिनों में बेहतर रिकवरी के हमारे रास्ते को दिखाता है.
इन वजहों से पेटीएम ने किया बाउंस बैक
पेटीएम ने अपने वित्तीय परिणाम में बताया है कि उसका मर्चेंट पेमेंट ऑपरेटिंग कारोबार जनवरी 2024 के लेवल पर लौट आया है. कंपनी ने फिर से दुकानदारों के यहां अपने क्यूआर कोड और साउंडबॉक्स लगाने शुरू किए हैं. कंपनी के मर्चेंट सब्सक्राइबर बेस में सुधार आया है और अब ये 1.09 करोड़ हो गया है.
इसी तरह पेटीएम प्लेटफॉर्म पर होने वाले टोटल कारोबार की वैल्यू (जीएमवी) भी जनवरी 2024 से पहले के स्तर पर लौट आई है. ये जून तिमाही में 4.3 लाख करोड़ रुपए रहा है. इसके अलावा कंपनी ने कॉस्ट ऑप्टिमाइजेशन पर भी बहुत ध्यान दिया है.

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