साइबर क्राइम पर सरकार सख्त, अब ‘संचार साथी’ रखेंगे अपराधियों पर नजर

देश में साइबर अपराध के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसी को देखते हुए लोगों को इस अपराध से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. धोखाधड़ी से बचाव और लोगों को जागरूक करने के लिए केंद्र सरकार ने देशभर में 250 से ज्यादा वॉलंटियर छात्र स्वयंसेवकों का चयन किया गया है. इन्हें संचार साथी कहा जाएगा. इनका चयन देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों में से किया गया है. दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने राष्ट्रीय दूरसंचार संस्थान (एनटीआईपीआरआईटी) के सहयोग से इस दिशा में कदम बढ़ाया है.
संचार मित्र कार्यक्रम में छात्र नागरिकों को उनकी सुरक्षा के संबंध में सशक्त बनाने के लिए काम करेंगे. हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि पिछले साल देश में साइबर धोखाधड़ी की लगभग 27 लाख शिकायतें दर्ज की गईं. हालांकि इसके बाद शाह ने कहा मामलें पहले के मुकाबले बढ़े नहीं है, लेकिन धोखाधड़ी का अब पता चल रहा है. हमने लोगों के लिए एक टोल फ्री नंबर भी उपलब्ध कराया है. यही कारण है कि इन अपराधों का पता चल रहा है.
साइबर अपराध पर सरकार की सख्ती
देश में बढ़ते साइबर क्राइम के मामलों को देखते हुए सरकार बेहद चिंतित और सख्त है क्योंकि इससे देश की आर्थिक स्थिति पर भी असर पड़ता है. बता दें, देश का बहुत बड़ा अमाउंट साइबर क्राइम की वजह से बाहर जा रहा है. हालांकि इसके लिए सरकार इस अपराध से जुड़े कानूनों में संशोधन कर रही है. अब इस कानून के तहत साइबर ठगी को करने के बाद उसके पैसे से साइबर क्रिमिनल ने कोई संपत्ति बनाई है तो उसको कुर्क किया जा सकता है. इससे जिनके साथ पैसों की ठगी हुई है उनके पैसों को भरपाई की जा सकती है. हालांकि ये प्रावधान अभी तक मौजूद नहीं था
बाहर जा रहा भारत का पैसा
साइबर क्राइम मामलों पर समस्या तब आती है जब पैसा हमारे देश से निकलकर दूसरे देश में चला जाता है. आजकल जितनी बड़ी रकम की घटना होती है उनमें ज्यादातर पैसा कंबोडिया, दुबई और ताइवान जैसे देशों में जा रहा है. जब पैसा हमारी देश की इकोनॉमी से निकलकर दूसरे देश की इकोनॉमी में जा रहा है. ये फ्रॉड करोड़ों रुपये के होते हैं जो ज्यादातर इंवेस्टमेंट पर भारी रिटर्न का लालच दिलाकर किए जाते हैं. यही बड़ी वजह है जिसमें आज के समय में भी पढ़े-लिखे लोग अपना पैसा गंवा रहे हैं.
क्या है संचार साथी
दूरसंचार विभाग ने संचार साथी पोर्टल पेश किया था. इसमें नागरिकों के रजिस्टर्ड कनेक्शन की जांच करने, चोरी या खोए हुए मोबाइल फोन को ब्लॉक करने, IMEI (इंटरनेशनल मोबाइल) का उपयोग करके डिवाइस की वास्तविकता को सत्यापित करने जैसी मूल्यवान सुविधाएं देता है. इससे देश के कई छात्र जुड़े हैं. हाल ही में संचार साथी की मदद से ही देश भर में कई बड़े फ्रॉड पकड़े गए हैं.

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