साउथ का वो एक्टर जिसने एक्टिंग के लिए छोड़ी सरकारी नौकरी, फिर 12 साल तक रहा मुख्यमंत्री
जिस एक्टर की हम बात कर रहे हैं साउथ के लोग उनके दीवाने हैं. उन्होंने फिल्में कीं उसमें सफल रहीं. फिर वे जब राजनीति के मैदान में उतरे तो उसमें भी सक्सेसफुल रहे. उन्होंने 17 फिल्मों में भगवान कृष्ण का रोल किया था. उनके इस रिकॉर्ड को आज तक कोई तोड़ नहीं पाया है. वो कोई और नहीं बल्कि एनटी रामा राव हैं. 28 मई को उनकी बर्थ एनिवर्सरी होती है. वो ऐसे शख्स थे, जिन्होंने साउथ इंडस्ट्री में खूब नाम कमाया. कई बेहतरीन फिल्में की. वो एक्टर ही नहीं डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी थे.
एनटी रामा राव साउथ सुपरस्टार जूनियर एनटीआर के दादा थे. उनका साउथ इंडस्ट्री में काफी दबदबा रहा है. क्या आप जानते हैं कि एनटी रामा राव को उनके अंकल नंदमूरी रमैया ने गोद लिया था. पढ़ाई में अच्छे न होने के चलते उन्होंने तीसरे अटेम्प्ट में 12वीं क्लास पास की थी. इसके बाद 20 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई थी. इस शादी से उनके 8 लड़के और 4 लड़कियां थीं. साल 1947 में उन्हें मद्रास सर्विस कमीशन में सब-रजिस्ट्रार की नौकरी मिली. इसमें उन्हें 190 रुपये महीने के मिल रहे थे. लेकिन उन्होंने एक्टिंग को प्राथमिकता दी और ज्वाइनिंग के 3 हफ्ते बाद ही नौकरी छोड़ दी.
फिल्मी करियर की शुरुआत
इसके बाद साल 1949 में वो पहली बार ‘मन देशम’ नाम की फिल्म में एक पुलिसकर्मी की भूमिका में नजर आए. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस रोल के लिए उन्हें 1 हजार रुपये मिले थे. बस फिर क्या था, इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने अपनी जिंदगी में दर्जनों फिल्मों का निर्देशन किया और 300 से ज्यादा फिल्मों में अपनी एक्टिंग का जलवा दिखाया. एनटी रामा राव ने कई नेशनल अवॉर्ड्स भी अपने नाम किए.
राजनीति में एंट्री
बात अगर उनके राजनीतिक करियर की करें तो उन्होंने 1982 में तेलुगू देशम नाम की एक पार्टी बनाई और यहीं से अपनी शुरुआत की. वो आंध्र-प्रदेश की राजनीति का एक चमकता हुआ सितारा थे. 1984 में उन्होंने भारी बहुमत के साथ जीत हासिल की और अपनी सरकार बनाई. वो लोगों के दिलों में अपना ऐसा घर कर चुके थे कि साल 1983 से लेकर 1994 तक तीन बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. उनकी पॉपुलैरिटी इतनी ज्यादा थी कि वो पहले ऐसे गैर-कांग्रेसी नेता थे, जो आंध्र-प्रदेश के सीएम बने थे और 12 साल तक अपनी सरकार चलाई थी.