सिंध में करतारपुर के तर्ज पर क्या हिंदू-जैन धार्मिक स्थलों के लिए बनेगा कॉरिडोर? PAK मंत्री के बयान से जगी आशा
करतापुर कॉरिडोर के तर्ज पर पाकिस्तान सिंध प्रांत में हिंदू और जैन धार्मिक स्थलों के लिए एक कॉरिडोर खोलने पर विचार कर रहा है, ताकि भारत के हिंदू और जैन धर्म के लोग सिंध प्रांत में स्थित धार्मिक स्थलों में जा कर पूजा-अर्चना कर सके. सिंध के पर्यटन मंत्री जुल्फिकार अली शाह ने दुबई में सिंध प्रांत में पर्यटन को बढ़ावा देने से संबंधित एक कार्यक्रम को संबोधित करते ये बातें कही है. पाकिस्तान के इस इलाके में बड़ी संख्या में हिंदू आबादी रहती है.
शाह ने कहा कि गलियारा नगरपारकर और उमरकोट में बनाया जा सकता है. उमरकोट में श्री शिव मंदिर है, जिसे सिंध के सबसे पुराने हिंदू मंदिरों में से एक माना जाता है. कुछ लोगों का मानना है कि इसका निर्माण 2,000 साल से भी पहले हुआ था. नगरपारकर में कई परित्यक्त जैन मंदिर भी हैं, जहां बड़ी संख्या में हिंदू आबादी रहती है. उन्होंने कहा कि सिंध में धार्मिक स्थलों पर जाने के लिए बड़ी संख्या में हिंदू और जैन इच्छुक हैं.
सिंध सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि पर्यटन मंत्री शाह ने अपने विभाग के अधिकारियों के साथ इस संभावना पर चर्चा की है. प्रवक्ता ने कहा कि जुल्फिकार अली शाह ने कल दुबई में एक भाषण में इसका उल्लेख किया क्योंकि उन्होंने अपने विभागीय अधिकारियों से इस बारे में बात की है, लेकिन अभी तक कुछ भी अंतिम नहीं है क्योंकि जाहिर है कि यह संघीय सरकार का मामला भी है.
लरकाना के लिए उड़ान शुरू करने का प्रस्ताव
धार्मिक पर्यटकों की सुविधा के लिए शाह ने भारत से सुक्कुर या लरकाना के लिए एक साप्ताहिक उड़ान शुरू करने का भी प्रस्ताव रखा. अगस्त 2019 तक पाकिस्तान और भारत की सरकारों ने एक ट्रेन सेवा, थार एक्सप्रेस चलाई थी, जो राजस्थान के सीमावर्ती शहरों मुनाबाव को सिंध प्रांत के खोखरापार से जोड़ती थी. कई वर्षों तक बंद रहने के बाद, यह सेवा 2006 में दिवंगत राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के कार्यकाल के दौरान फिर से खोली गई थी.
यह सिंध और राजस्थान के बीच एकमात्र रेल संपर्क था. पाकिस्तान सरकार ने नवंबर 2019 में करतारपुर कॉरिडोर खोला जो पाकिस्तान-भारत सीमा से लगभग 4.1 किलोमीटर दूर है. इस कॉरिडोर का उपयोग सिख तीर्थयात्री नियमित रूप से पवित्र गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर जाने के लिए करते हैं. यह सिख धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे पवित्र स्थलों में से एक है. सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक का अंतिम विश्राम स्थल है, जिनकी मृत्यु 16वीं शताब्दी में लगभग दो दशकों तक करतारपुर शहर में रहने के बाद 1539 में हुई थी.
पाकिस्तान में रहते हैं करीब 75 लाख हिंदू
पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है. आधिकारिक अनुमानों के अनुसार, पाकिस्तान में 75 लाख हिंदू रहते हैं. हालांकि, समुदाय के अनुसार, देश में 90 लाख से अधिक हिंदू रह रहे हैं.
पाकिस्तान में कुछ प्रमुख हिंदू मंदिर हैं जिनमें परम हंस जी महाराज समाधि (खैबर-पख्तूनख्वा), बलूचिस्तान के जिले लासबेला के हिंगोल नेशनल पार्क में हिंगलाज माता मंदिर, पंजाब के जिले चकवाल में कटास राज परिसर और पंजाब के जिले मुल्तान में प्रह्लाद भगत मंदिर शामिल हैं. विभाजन के बाद भारत में पलायन करने वाले हिंदुओं और सिखों की धार्मिक संपत्तियों और मंदिरों का प्रबंधन इवैक्यूई प्रॉपर्टी ट्रस्ट बोर्ड (ईपीटीबी) करता है.