सीताराम येचुरी के बाद कौन संभालेगा CPM की कमान? सितंबर के अंत में होगा तय
सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी के निधन के बाद माकपा को बड़ा झटका लगा है. सीताराम येचुरी न केवल पार्टी की कमान संभाल रहे थे, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर वह पार्टी का चेहरा भी थे, लेकिन उनके निधन के बाद पार्टी ने एक राष्ट्रीय स्तर का नेता खो दिया है. उनके निधन के बाद पार्टी में यह सवाल उठ रहा है कि सीताराम येचुरी की जगह अब कौन पार्टी की कमान संभालेगा?
माकपा के सूत्रों के अनुसार फिलहाल माकपा के पोलित ब्यूरो के बाकी सदस्य माकपा महासचिव की जगह पार्टी की नीति का निर्धारण करेंगे और फैसला लेंगे.
सितंबर के अंत में माकपा पोलित ब्यूरो और केंद्रीय कमेटी की बैठक होने वाली है. माकपा की उस केंद्रीय कमेटी की बैठक में पार्टी के कार्यवाहक महासचिव की नियुक्ति की जाएगी. कार्यवाहक महासचिव अप्रैल तक पार्टी की कमान संभालेंगे.
27-28 सितंबर को होगी बैठक
पार्टी सूत्रों के अनुसार सीपीएम पोलित ब्यूरो और केंद्रीय कमेटी की बैठक 27 से 28 सितंबर को प्रस्तावित है. उस बैठक में पार्टी के कार्यवाहक महासचिव का नाम तय किया जाएगा.
बता दें कि माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने खुद ही सितंबर माह के अंत में पार्टी की केंद्रीय कमेटी और पोलित ब्यूरो की बैठक बुलाई थी, लेकिन उस बैठक के पहले ही उनका निधन हो गया है. अब पार्टी उस बैठक में उनके उत्तराधिकारी का नाम तय करेगी. पार्टी की बैठक में ही कार्यवाहक महासचिव का नाम तय होगा और उनकी नियुक्ति होगी.
अगले साल अप्रैल महीने में मदुरै में माकपा की पार्टी कांग्रेस की बैठक प्रस्तावित है. इस बैठक में अगले तीन साल के लिए पार्टी के नए महासचिव का नाम तय होगा. महासचिव का नाम दो-तिहाई बहुमत से तय होगा.
सितंबर में बनाये जाएंगे कार्यवाहक महासचिव
सीताराम युचेरी का अगले साल अप्रैल में कार्यकाल समाप्त हो रहा था. माकपा के संविधान के नियम के अनुसार कोई भी शख्स तीन बार से अधिक माकपा में महासचिव के पद पर नहीं रह सकता है. ऐसे में यह चर्चा चल रही थी कि क्या पार्टी के संविधान में संशोधन किया जाए और येचुरी को फिर से महासचिव बनाया जाए, लेकिन उससे पहले ही सीताराम येचुरी का निधन हो गया है.
इस बीच, माकपा में सीताराम येचुरी की जगह किस कार्यवाहक महासचिव बनाया जाए? इसे लेकर चर्चा शुरू हो गयी है. कार्यवाहक महासचिव के रूप में माकपा के बंगाल ईकाई के सचिव और पूर्व सांसद मोहम्मद सलीम के नाम की चर्चा हो रही है. मोहम्मद सलीम को संगठन के साथ-साथ प्रशासनिक अनुभव भी है. मोहम्मद सलीम माकपा के पोलित ब्यूरो के साथ-साथ केंद्रीय कमेटी के सदस्य भी हैं.
मोहम्मद सलीम के नाम की अटकलें तेज
वह सांसद के रूप में राष्ट्रीय स्तर की राजनीति कर चुके हैं और बांग्ला, हिंदी और अंग्रेजी भाषा पर समान रूप से दक्ष माने जाते हैं. बंगाल के माकपा राज्य सचिव को रूप में उन्होंने पार्टी संगठन को मजबूत किया है. ऐसे में माकपा का एक वर्ग चाहता है कि मोहम्मद सलीम पार्टी की कमान संभालें.
वहीं, मोहम्मद सलीम के करीबी नेताओं का कहना है कि वह फिलहाल दिल्ली जाने के पक्षधर नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने बंगाल में पार्टी संगठन को फिर से मजबूत करने को लेकर कदम उठाया है. युवाओं को तरजीह दी गयी है और उन्हें नया दायित्व दिया गया है. ऐसे में यदि वह दिल्ली जाते हैं, तो बंगाल में पार्टी के संगठन को नुकसान पहुंच सकता है.