सीरिया से दोस्ती के लिए गिड़गिड़ा रहा है तुर्की, लेकिन क्यों नहीं मिल रहा भाव?
तुर्की के राष्ट्रपति तैयब एर्दोगन ने हाल ही में सीरिया के साथ 13 साल पुराने रिश्तों को दोबारा से शुरू करने की इच्छा जाहिर की थी. एर्दोगन ने जुलाई की शुरुआत में कहा था कि वह रिश्तों को बहाल करने के लिए बैठक करेंगे और अल-असद को किसी भी समय निमंत्रण देंगे. एर्दोगन के इस बयान पर अब बशर अल असद की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद ने कहा कि वह तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन से तभी मिलेंगे, जब दोनों देश तनाव के मुख्य मुद्दों पर चर्चा करेंगे.
सीरियाई राष्ट्रपति अल असद ने कहा कि वार्ता तभी कामयाब होगी जब इसकी चर्चा का केंद्र सीरियाई क्षेत्र से तुर्की सेना की वापसी और अंकारा का आतंकवाद को समर्थन जैसे मुद्दों पर केंद्रित हो. सीरियाई राष्ट्रपति ऑफिस की ओर से जारी एक वीडियो क्लिप में अल-असद ये कहते हुए दिख रहे हैं कि समस्या बैठक नहीं है, बल्कि इसके मुद्दों पर है.
2011 में टूट गए थे रिश्ते
2011 में अरब स्प्रिंग की चिंगारी ने सीरिया को भी बुरी तरह अपनी चपेट में ले लिया था. सीरिया में गृहयुद्ध छिड़ने के बाद तुर्की ने सीरिया से अपने संबंध तोड़ दिए थे. सीरियाई सरकार के समर्थकों का आरोप है कि अंकारा ने असद सरकार गिराने की कोशिश करने वाले विपक्ष का साथ दिया. बता दें, बशर सरकार इन सीरियाई नेता विद्रोहियों को आतंकवादी मानती है. इसके अलावा तुर्की ने उत्तरी सीरिया में एक ‘सैफ जोन’ भी बनाया है, जहां अब तुर्की सैनिक तैनात हैं और कई बार वे आतंकवादियों के खिलाफ सीरियाई सीमा पार कई सैन्य अभियान चलाए चुके हैं. इन अभियानों को सीरिया राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानता है.
एर्दोगान चाहते हैं रिश्तों में सुधार
एर्दोगन ने जुलाई की शुरुआत में कहा था कि वह संभावित वार्ता के लिए किसी भी वक्त बशर अल-असद को न्योता देंगे ताकि रिश्तों को बहाल किया जा सके. जिस पर सीरियाई राष्ट्रपति ने कहा, बैठक का आधार क्या है? क्या यह अहम मुद्दों को हल करेगी, जैसे आतंकवाद का समर्थन और सीरियाई जमीन से तुर्की सेना की वापसी? असद का कहना है कि अगर इन समस्याओं पर चर्चा नहीं होती है, तो बैठक बेनतीजा रहेगी. हम किसी भी अच्छी पहल पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देंगे, लेकिन पहले ऐसी बैठक का आधार तैयार किया जाना चाहिए.