सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल HC चीफ जस्टिस का फैसला किया रद्द, दो जजों के प्रमोशन का मामला
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश कॉलेजियम के फैसले में पहली बार दखल देते हुए उसको रद्द कर दिया, जिसमें हाई कोर्ट में पदोन्नति के लिए दो वरिष्ठ जिला जजों की उम्मीदवारी को नजरअंदाज किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट जज के रूप में नियुक्ति के लिए चीफ जस्टिस व्यक्तिगत रूप से न्यायिक अधिकारी की उम्मीदवारी को अस्वीकार नहीं कर सकते.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने दो सीनियर जिला जजों की याचिका को स्वीकार करते हुए कॉलेजियम की चयन प्रक्रिया को रद्द कर दिया है. जस्टिस ऋषिकेश रॉय और प्रशांत मिश्रा की बैंच ने कहा कि कॉलेजियम का निर्णय इसलिए प्रभावित हुआ, क्योंकि हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने दो जिला जजों के नामों पर पुनर्विचार नहीं करने का निर्णय लिया था.
चीफ जस्टिस का फैसला रद्द
बता दें कि हाईकोर्ट जजशिप के लिए दो न्यायिक अधिकारियों पर विचार नहीं करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दखल दिया है. कोर्ट विचार नहीं करने के हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट चीफ जस्टिस का फैसला रद्द कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि HC जज के रूप में नियुक्ति के लिए चीफ जस्टिस व्यक्तिगत रूप से न्यायिक अधिकारी की उम्मीदवारी को अस्वीकार नहीं कर सकते.
हाईकोर्ट के जजों का चयन
अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के जजों के रूप में चयन के लिए जिला जज चिराग भानु सिंह और अरविंद मल्होत्रा की उम्मीदवारी पर विचार करने को कहा. उनके नाम सु्प्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा पुनर्विचार के लिए हाईकोर्ट को भेजे गए थे. लेकिन हाईकोर्ट कॉलेजियम ने ऐसा नहीं किया.
हाईकोर्ट में प्रमोशन के हकदार
बता दें कि हिमाचल प्रदेश के दो सीनियर जिला जजों ने सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल प्रदेश कॉलेजियम के फैसले के खिलाफ याचिका दायर थी. इसमें दोनों जजों ने कहा था कि वो हाईकोर्ट में प्रमोशन के हकदार थे लेकिन उनकी उम्मीदवारी को नजरअंदाज कर दिया गया. सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार कॉलेजियम के फैसले को खारिज कर दिया है. याचिका को स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस साल की शुरुआत में की गई कॉलेजियम की चयन प्रक्रिया को रद्द कर दिया.