सूडान में फिर विनाशकारी संघर्ष, अर्धसैनिक लड़ाकों ने की महिलाओं-बच्चों समेत 85 लोगों की हत्या

सूडान में पिछले साल अप्रैल में युद्ध शुरू होने के बाद से अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) पर देश भर में नरसंहार, बलात्कार और अन्य गंभीर उल्लंघनों का बार-बार आरोप लगाया गया है. अधिकारियों और निवासियों ने शनिवार को कहा कि सूडान के अर्धसैनिक समूह के लड़ाकों ने एक गांव में तोड़फोड़ और लूटपाट की फिर आग लगा दी. इस दौरान उन्होंने महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 85 लोगों की हत्या कर दी, जो देश के 18 महीने के विनाशकारी संघर्ष में अत्याचार की एक बड़ी घटना है.
सूडान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स ने जुलाई के अंत में मध्य प्रांत सेन्नार में गलगानी पर हमला करना शुरू कर दिया था. पिछले हफ्ते आरएसएफ लड़ाकों ने महिलाओं और लड़कियों के अपहरण और यौन उत्पीड़न के प्रयासों का विरोध करने पर गांव के निहत्थे निवासियों पर अंधाधुंध गोलीबारी की. इसमें कहा गया है कि 150 से अधिक ग्रामीण घायल हुए हैं.
देश भर में नरसंहार का आरोप
पिछले साल अप्रैल में युद्ध शुरू होने के बाद से आरएसएफ पर बार-बार देश भर में नरसंहार, बलात्कार और अन्य गंभीर उल्लंघनों का आरोप लगाया गया है. बता दें कि सेना और समूह के बीच तनाव राजधानी खार्तूम और अन्य जगहों पर खुली लड़ाई में बदल गया था. हमले के बारे में बताते हुए, तीन निवासियों ने कहा कि सैकड़ों आरएसएफ लड़ाकों ने गुरुवार को गांव पर हमला किया, घरों और सार्वजनिक संपत्तियों को लूटा और जला दिया.
हमले के बाद आक्रामक कार्रवाई
एसोसिएटेड प्रेस से बात करने वाले स्थानीय चिकित्सा केंद्र के एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता के अनुसार, निवासियों द्वारा प्रतिरोध करने और आरएसएफ सेनानियों के एक छोटे ग्रुप के हमले को विफल करने के बाद आक्रामक कार्रवाई हुई. उन्होंने कहा कि समूह पीछे हट गया लेकिन दर्जनों पिकअप ट्रकों में ऑटोमेटिक राइफलों और भारी हथियारों के साथ सैकड़ों आरएसएफ लड़ाके वापस लौट आए.
मरने वालों में 24 महिलाएं और नाबालिग
कार्यकर्ता ने अपनी सुरक्षा के डर के कारण नाम न छापने की शर्त पर बताया कि शुक्रवार तक, चिकित्सा केंद्र को कम से कम 80 शव मिले थे, जिनमें 24 महिलाएं और नाबालिग शामिल थे. एक ग्रामीण मोहम्मद ताजल-अमीन ने कहा कि उन्होंने शुक्रवार दोपहर को सड़क पर सात शव पड़े देखे, जिसमें छह पुरुष और एक महिला थी. वहीं आरएसएफ प्रवक्ताओं ने शनिवार को इस पर कोई टिप्पणी नहीं की.
जून में, आरएसएफ ने खार्तूम से लगभग 350 किलोमीटर (217 मील) दक्षिण-पूर्व में सिन्नार की प्रांतीय राजधानी सिंगा पर हमला किया. उन्होंने शहर के बाज़ार को लूट लिया और उसके मुख्य अस्पताल पर कब्ज़ा कर लिया, जिससे हज़ारों लोगों को भागने पर मजबूर होना पड़ा.
सेना और आरएसएफ के बीच शांति वार्ता
इसके बाद नया हमला तब हुआ जब अमेरिका ने सेना और आरएसएफ के बीच शांति वार्ता फिर से शुरू करने के प्रयासों का नेतृत्व किया है. इस बातचीत का सेना ने बहिष्कार किया है, यह पिछले हफ्ते स्विट्जरलैंड में शुरू हुई थी. इसमें सऊदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, अफ्रीकी संघ और संयुक्त राष्ट्र के राजनयिक भाग ले रहे थे. आरएसएफ ने जिनेवा में एक प्रतिनिधिमंडल भेजा लेकिन बैठकों में हिस्सा नहीं लिया.
मानवता के खिलाफ अपराध
संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय अधिकार समूहों के अनुसार, इस संघर्ष में बड़े पैमाने पर बलात्कार और जातीय रूप से प्रेरित हत्याएं शामिल हैं, जो युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध हैं. सूडान के युद्ध ने दुनिया का सबसे बड़ा विस्थापन संकट भी पैदा कर दिया है. अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन के अनुसार, लड़ाई शुरू होने के बाद से 10.7 मिलियन से अधिक लोग अपने घरों से भागने के लिए मजबूर हुए हैं. उनमें से 2 मिलियन से अधिक पड़ोसी देशों में भाग गए हैं.

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