सेकेंड हैंड कार खरीदने से पहले चेक करें ये तीन चीजें, नहीं तो हो जाएगा भारी नुकसान

सेकेंड हैंड कार खरीदने में कोई बुराई नहीं होती है, लेकिन केवल उसकी बॉडी और डिजाइन देखकर खीरदना गलत साबित हो सकता है. ब्रांड न्यू हो या सेकेंड हैंड कार आपको
कार की बारीकियों को चेक जरूर करना चाहिए. यहां हम आपको कुछ ऐसी बातें बताएंगे जिन्हें पर आपको नजर जरूर रखनी चाहिए.
इसमें सर्विस हिस्ट्री से लेकर, इंटीरियर, एक्सटीरियर, टायर, इंजन, फ्रेमिंग, माइलेज, ओडोमीटर, टेस्ट ड्राइव, इंजन और इंश्योरेंस के पेपर शामिल हैं. सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप एक- दो नहीं 5-7 बार टेस्ट ड्राइव पर जरूर जाएं.
कार की कंडीशन पर दें ध्यान
अपनी पसंद की कार ढूंढकर कार की कंडीशन जरूर देखनी चाहिए. इंटीरियर चेक करें, एक्सटीरियर और फ्रेमिंग क्या है. कार के टायर, इंजन, कैसा है और कार कितना माइलेज, दे सकती है. ओडोमीटर, टेस्ट ड्राइव और इंजन के अलावा सभी जरूरी फैक्ट्स चेक करने चाहिए. ये सब चेक करने के बाद ही आप कार की सही कीमत तय कर सकेंगे.
कार की सर्विस हिस्ट्री चेक करें
जल्दी से कार खरीदने की एक्साइटमेंट में कई बार सर्विस हिस्ट्री चेक करना भूल जाते हैं. ऐसे में फ्यूचर में बड़ी परेशानी भी आ सकती है. इसलिए कार खरीने जाएं तो कार की सर्विस हिस्ट्री चेक जरूर करें.
इंश्योरेंस पेपर चेक करें
सेकेंड हैंड कार खरीदने जाएं तो कार के मौजूदा इंश्योरेंस पेपर खोलकर चेक करें कि कहीं कार पर कोई एक्सीडेंट या क्लेम तो नहीं है.
टेस्ट ड्राइव पर जरूर जाएं
किसी भी व्हीकल को खरीदने से पहले उसकी टेस्ट ड्राइव जरूर जाएं, जैसा कि ऊपर बताया कि टेस्ट ड्राइव पर एक या दो बार नहीं बल्कि 5-7 बार जाएं. इससे अगर कार में कोई परेशानी होगी तो आपको तुरंत पता चल जाएगा. कार को 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चला कर देखें, कम ट्रैफिक वाले एरिया में ही चलाएं. अगर आपको ब्रेक पैडल किसी भी तरह की वाइब्रेशन और अजीब आवाज आए तो एक बार मैकेनिक से पूछें, ध्यान रहे कि आप जब भी टेस्ट ड्राइव पर जाएं तो अपने साथ एक मैकेनिक को भी जरूरत लेकर जाएं, मैकेनिक सभी खराबियों को सही से परख सकता है.

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