सेबी और हिंडनबर्ग की लड़ाई, कहीं शेयर बाजार में ना मचा दे तबाही
बीते हफ्ते शेयर बाजार में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिला था और 1276 अंक यानी 1.57 फीसदी की गिरावट सेंसेक्स में देखने को मिली थी. वहीं दूसरी ओर निफ्टी में 375.65 अंक यानी 1.52 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी. ये गिरावट विदेशी बाजारों में उथल पुथल की वजह से देखने को मिली थी. अगले हफ्ते एक बार फिर से गिरावट देखने को मिल सकती है. जिसकी वजह से घरेलू कारण हो सकते हैं. जी हां, हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट ने एक बार फिर से देश में भूचाल खड़ा कर दिया है.
इस बार शॉर्ट सेलर का निशाना शेयर मार्केट रेगुलेटर सेबी चीफ पर है. अमेरिका के शॉर्ट-सेलर ने आरोप लगाया है कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति की अडानी ग्रुप से जुड़े ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी. ऐसे में सोमवार को अडानी ग्रुप के शेयरों फोकस में दिखाई दे सकते हैं. अनुमान है कि इस रिपोर्ट का असर अडानी के शेयरों में देखने को मिल सकता है और शेयर बाजार में गिरावट का माहौल देखने को मिल सकता है.
जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग की शुरुआती रिपोर्ट से अडानी शेयरों में 150 बिलियन डॉलर की गिरावट आई. 10 अगस्त को आई नई रिपोर्ट में, हिंडनबर्ग ने कहा कि यह आश्चर्य की बात नहीं है कि सेबी उस राह पर चलना नहीं चाहता था, जो शायद उसके अपने अध्यक्ष तक पहुंच सकती थी. हालांकि बुच और अडानी ग्रुप दोनों ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है, लेकिन बाजार इस बात पर करीब से नजर रखेगा कि अडानी के शेयर ताजा दावों पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं.
क्या कहते हैं शेयर बाजार के जानकार
वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज में इक्विटी स्ट्रैटिजी के डायरेक्टर क्रांति बथिनी ने मीडिया रिपोर्ट में कहा कि सेबी अध्यक्ष से संबंधित आरोपों के अलावा रिपोर्ट में अधिकांश दावे पहले से ही बाजार को पता हैं. ऐसे में मुझे नहीं लगता कि इस तरह के आरोप अडानी ग्रुप के शेयरों में लंबे समय तक असर डाल सकते हैं. वेंचुरा सिक्योरिटीज के विनीत बोलिंजकर हिंडनबर्ग के आरोपों को गंभीर नहीं मानते हैं. उन्होंने मीडिया रिपोर्ट में कहा कि वे एक ही चीज को रिसाइकिल कर रहे हैं. वे कोई सबूत दिए बिना, एक घटना को दूसरे से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. यह नई बोतल में पुरानी शराब है.
बोलिंजकर ने कहा कि हालांकि रिपोर्ट का अडानी के शेयरों और बाजार पर अल्पावधि में कुछ प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन उन्हें जल्द ही इससे उबरना चाहिए। बथिनी ने कहा कि अडानी ग्रुप के शेयरों में कोई भी भारी गिरावट खरीदारी का अवसर हो सकती है. नाम न छापने की शर्त पर एक बाजार विश्लेषक ने कहा कि सेबी के मौजूदा अध्यक्ष पर लगे आरोप गंभीर हैं. यह पहली बार हो सकता है कि सेबी के मौजूदा अध्यक्ष पर उंगलियां उठाई जा रही हैं. यह बाजार पर असर डाल सकता है, क्योंकि जो कुछ भी कहा और किया गया है, आरोप गंभीर हैं.
हिंडनबर्ग ने लगाए थे सेबी चीफ पर आरोप?
हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया है कि उसे संदेह है कि अदाणी समूह के खिलाफ कार्रवाई करने में सेबी की अनिच्छा का कारण यह हो सकता है कि बुच की अदाणी समूह से जुड़े विदेशी फंडों में हिस्सेदारी थी. अमेरिकी कंपनी ने आरोप लगाया कि बुच और उनके पति धवल ने एक फंड में निवेश किया था जिसका कथित तौर पर गौतम अदाणी के बड़े भाई विनोद अदाणी द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा था.
वहीं सेबी प्रमुख और उनके पति ने एक संयुक्त बयान जारी कर हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह से बेबुनियाद बताया है. बुच दंपति ने कहा, कि रिपोर्ट में लगाए गए आरोप पूरी तरह से आधारहीन और बेबुनियाद हैं. इनमें तनिक भी सच्चाई नहीं है. हमारा जीवन और वित्तीय स्थिति एक खुली किताब की तरह है. सभी जरूरी खुलासे पहले ही वर्षों से सेबी को दिये जा चुके हैं. हमें किसी भी वित्तीय दस्तावेज का खुलासा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है.