स्पेन के लिए टूरिज्म ही नहीं भारत भी है अहम, दोनों के बीच कितना है कारोबार
किसी भी देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वहां की सरकार कई तरह की प्लानिंग करती है. लेकिन स्पेन के शहर बार्सिलोना में एक अजीब मामला सामने आया है. यहां के लोग टूरिस्ट्स से परेशान हो चुके हैं. स्पेन खासकर बर्सिलोना शहर के लोगों का कहना है कि टूरिस्ट्स की आवाजाही से उनके शहर को काफी नुकसान हो रहा है. साथ ही उनकी लाइफ स्टाइल प्रभावित हो रही है. स्पेनिश लोगों का ज्यादा टूरिज्म को विरोध कई मायनों में अहम माना जा रहा है.
वहीं दूसरी ओर भारत में टूरिज्म को बढ़ावा देने की बात की जा रही है. जब से अयोध्या में राम मंदिर बना है. तब से देश में स्प्रिचुअल टूरिज्म की बात की जा रही है. इसे बढ़ावा देने की बात की जा रही है. खैर दोनों ही देशों की भौगोलिक स्थिति और कल्चर अलग-अलग हैं. ऐसे में दोनों देशों की जरुरतें भी अलग हैं. अगर बात दोनों देशों के बीच आर्थिक मोर्चे की करें तो स्पेन भारत का 6वां सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है.
आइए समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर स्पेन में टूरिज्म कितना बड़ा सेक्टर बन चुका है? हर साल स्पेन टूरिज्म कितनी जॉब्स जेनरेट कर रहा है? आखिर स्पेन की रियल जीडीपी में टूरिज्म का कितना बड़ा कंट्रीब्यूशन है? वहीं दूसरी ओर भारत और स्पेन के बीच किस तरह के आर्थिक संबंध है.
स्पेन में कितना खर्च करते हैं टूरिस्ट?
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 में स्पेन में 8.5 करोड़ टूरिस्ट आए थे. जोकि स्पेन में किसी भी साल आने वाले टूरिस्ट्स की संख्या के हिसाब से एक रिकॉर्ड है. अगर बात पहले क्वार्टर यानी जनवरी से मार्च स्पेन में टूरिस्ट की संख्या में पिछले की समान अवधि के मुकाबले 18 फीसदी ज्यादा यानी 16.1 मिलियन थी. जब किसी भी देश में टूरिस्ट आएंगे तो खर्च भी करेंगे. साल 2023 में स्पेन में टूरिट्स ने 109 बिलियन यूरो यानी 9.9 लाख करोड़ रुपए खर्च किए थे. वहीं मौजूदा साल के पहले क्वार्टर यानी जनवरी से मार्च के दौरान ये खर्च पिछले साल की समान अवधि में 27 फीसदी बढ़ गया है.
स्पेन की टूरिज्म से कितनी होती हैं कमाई?
बैंक ऑफ स्पेन के आंकड़ों के अनुसार 1993 से 2024 तक स्पेन में टूरिज्म रेवेन्यू औसतन 3.6 बिलियन यूरो यानी 32 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा था. खास बात तो ये कि, जो 2023 के अगस्त में 10.9 बिलियन यूरो के हाइएस्ट स्तर पर पहुंच गया और 2020 के अप्रैल में 0.00 यूरो मिलियन के रिकॉर्ड लोअर लेवल पर पहुंच गया. खास बात तो ये है कि रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार स्पेनिश इकोनॉमी में साल 2023 में टूरिज्म का कंट्रीब्यूशन रियल जीडीपी में 71 फीसदी था.
जॉब्स देने में अव्वल
टूरिज्म ने जॉब्स में इजाफा करने में भी काफी हेल्प की है. आंकड़ों से समझने की कोशिश करें तो स्पेनिश पर्यटन को बढ़ावा देने वाली सरकारी एजेंसी ट्यूरेस्पाना के अनुसार, इस सेक्टर ने पिछले साल की तुलना में पहली तिमाही में 197,630 अधिक जॉब्स पैदा कीं, जो इस अवधि के दौरान जेनरेट हुई चार जॉब्स में से एक है. इसका मतलब है कि हर चौथे आदमी को स्पेन में टूरिज्म की वजह से ही जॉब मिली है. मतलब साफ है कि टूरिज्म ने स्पेन की इकोनॉमी को बाखूबी संभाला हुआ है. स्पेन की जीडीपी में टूरिज्म सेक्टर का बड़ा योगदान भी है. उसके बाद भी बर्सिलोना शहर में टूरिज्म को लेकर विरोध हो रहा है तो इस कई मायने हैं.
कैसे है भारत के साथ आर्थिक संबंध
मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर की एक रिपोर्ट के अनुसार स्पेन में रहने वाले एनआरआई की संख्या 49,084 और पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिंस की संख्या 20,904 है. इसका मतलब है कि स्पेन में भारतीयों की आबादी करीब 70 हजार है. ऐसे में भारत और स्पेन के आर्थिक संबंध भी काफी अहम हो जाते हैं. दोनों के देशों के बीच आर्थिक संबंध भी काफी अच्छे हैं. स्पेन यूरोपीय यूनियन में भारत का छठा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है.
भारत और स्पेन के बीच कारोबार
स्पेन में भारतीय दूतावास के आंकड़ों के अनुसार साल 2023 में वस्तुओं का बाइलेटरल ट्रेड 8.25 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जो एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 4.2 फीसदी ज्यादा है. भारत का निर्यात 5.2 फीसदी बढ़कर 6.33 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जबकि इंपोर्ट 1.05 फीसदी बढ़कर 1.92 बिलियन डॉलर तक पहुंचा.
भारत स्पेन को मिनरल्स फ्यूल्स, मिनरल्स ऑयल्स, कैमिलि प्रोडक्ट्स, आयरन और स्टील, इलेक्ट्रिकल मशीनरी और कंपोनेंट्स और उसके पार्ट्स, परिधान और कपड़े के सामान (बुना हुआ और गैर बुना हुआ), परमाणु रिएक्टर, बॉयलर, मशीनरी और मकैनिकल कंपोनेंट्स उपकरण, मरीन प्रोडक्ट्स और आयरन और स्टील के प्रोडक्ट्स शामिल हैं.
इंवेस्टर के तौर पर स्पेन और भारत
भारत और स्पेन के बीच मजबूत आर्थिक रिश्ते भी हैं. 3.94 बिलियन डॉलर (अप्रैल 2000 – दिसंबर 2023) के एफडीआई स्टॉक के साथ स्पेन भारत में 16वां सबसे बड़ा इंवेस्टर है. भारत में 280 से अधिक स्पेनिश कंपनियां हैं जो मेटल, रिन्युएबल एनर्जी, ऑटोमोटिव, सिरेमिक और इंफ्रा (हाईवे, ट्रांसमिशन लाइन, सुरंग और मेट्रो स्टेशन) के सेक्टर में हैं. महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे प्रमुख राज्य हैं जहां पर स्पेनिश इंवेस्टमेंट है.
इसी तरह स्पेन में भारतीय निवेश लगभग 900 मिलियन अमेरिकी डॉलर है. स्पेन में लगभग 80 भारतीय कंपनियां हैं जो मुख्य रूप से सॉफ्टवेयर और आईटी सर्विसेस, फार्मास्यूटिकल्स, कैमिकल और लॉजिस्टिक्स में हैं. भारत ग्लोबल लेवल पर स्पेन के टॉप 30 इंवेस्टर्स में और एशिया से टॉप 5 निवेशकों में से एक है.