स्वाधीनता सेनानियों के सपनों को पूरा करेंगे, हम पुराने गौरव हासिल करेंगे- देश के नाम संबोधन में बोलीं राष्ट्रपति मुर्मू

देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हम उस परंपरा का हिस्सा हैं जो स्वाधीनता सेनानियों के सपनों और उन भावी पीढ़ियों की आकांक्षाओं को एक कड़ी में पिरोती है जो आने वाले वर्षों में हमारे राष्ट्र को अपना संपूर्ण गौरव पुनः प्राप्त करते हुए देखेंगी. राष्ट्रपति ने कहा कि जी-20 के बाद भारत ने ग्लोबल साउथ के जरिए अपनी भूमिका को और मजबूत बनाया है.
राष्ट्रपति ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, “आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं. सभी देशवासी 78वें स्वतंत्रता दिवस का उत्सव मनाने की तैयारी कर रहे हैं, यह देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है. स्वाधीनता दिवस के अवसर पर लहराते हुए तिरंगे को देखना – चाहे वह लाल किले पर हो, राज्यों की राजधानियों में हो या हमारे आस-पास हो – हमारे हृदय को उत्साह से भर देता है.” उन्होंने कहा कि जिस तरह हम अपने परिवार के साथ अलग-अलग त्योहार मनाते हैं, उसी तरह हम अपने स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस को भी अपने उस परिवार के साथ मनाते हैं जिसके सदस्य हमारे सभी देशवासी हैं.
‘विभाजन की भयावहता याद करने का दिन’
मुर्मू ने कहा कि हम उस परंपरा का हिस्सा हैं जो स्वाधीनता सेनानियों के सपनों और उन भावी पीढ़ियों की आकांक्षाओं को एक कड़ी में पिरोती है जो आने वाले वर्षों में हमारे देश को अपना संपूर्ण गौरव पुनः प्राप्त करते हुए देखेंगी. बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर राष्ट्रपति ने कहा कि हमने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है. अगले साल उनकी 150वीं जयंती का उत्सव राष्ट्रीय पुनर्जागरण में उनके योगदान को और अधिक गहराई से सम्मान देने का अवसर होगा.
देश विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर राष्ट्रपति ने कहा, “देश आज 14 अगस्त को, विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहा है. यह विभाजन की भयावहता को याद करने का दिन है. जब हमारे महान देश का विभाजन हुआ, तब लाखों लोगों को मजबूरन पलायन करना पड़ा. लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. स्वतंत्रता दिवस मनाने से एक दिन पहले, हम उस अभूतपूर्व मानवीय त्रासदी को याद करते हैं और उन परिवारों के साथ एकजुट होकर खड़े होते हैं जो छिन्न-भिन्न कर दिए गए थे.”
‘गरीबी रेखा में रहने वालों की संख्या में कमी’
देश की आर्थिक तरक्की का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि साल 2021 से साल 2024 के बीच 8 प्रतिशत की औसत सालाना वृद्धि दर हासिल करके, भारत सबसे तेज गति से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है. इससे न केवल देशवासियों के हाथों में अधिक पैसा आया है, बल्कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या में भी भारी कमी आई है.
उन्होंने आगे कहा यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, और हम शीघ्र ही विश्व की तीन शीर्षस्थ अर्थव्यवस्थाओं में स्थान प्राप्त करने के लिए तैयार हैं. यह कामयाबी किसानों और श्रमिकों की अथक मेहनत, नीति-निर्माताओं और उद्यमियों की दूरगामी सोच तथा देश के दूरदर्शी नेतृत्व के बल पर ही मिल सकी है.
‘ग्लोबल साउथ में भारत की अहम भूमिका’
किसानों के योगदान का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, “हमारे अन्नदाता किसानों ने उम्मीदों से बेहतर कृषि उत्पादन सुनिश्चित किया है. ऐसा करके, उन्होंने भारत को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और हमारे देशवासियों को पर्याप्त भोजन उपलब्ध कराने में अमूल्य योगदान दिया है.”
ग्लोबल साउथ में भारत की बड़ी भूमिका पर मुर्मू ने कहा कि जी-20 की अपनी अध्यक्षता के सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद, भारत ने ग्लोबल साउथ को मुखर अभिव्यक्ति देने वाले देश के रूप में अपनी भूमिका को मजबूत बनाया है. भारत अपनी प्रभावशाली स्थिति का इस्तेमाल वैश्विक शांति और समृद्धि के विस्तार हेतु करना चाहता है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को केंद्र में रखते हुए सरकार द्वारा अनेक विशेष योजनाएं भी लागू की गई हैं. नारी शक्ति वंदन अधिनियम का मकसद महिलाओं का वास्तविक सशक्तीकरण सुनिश्चित करना है.
‘BNS के जरिए स्वाधीनता सेनानियों को श्रद्धांजलि’
आईपीसी की जगह बीएनएस लागू किए जाने को लेकर राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि इस साल जुलाई से भारतीय न्याय संहिता को लागू करने में, हमने औपनिवेशिक दौर के एक और अवशेष को खत्म कर दिया है. नई संहिता का मकसद दंड देने की जगह अपराध पीड़ितों के लिए न्याय दिलाना है. मैं इस बदलाव को स्वाधीनता सेनानियों के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में देखती हूं.
युवाओं को रोजगार देने का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि रोजगार और कौशल के लिए प्रधानमंत्री की पांच योजनाओं के जरिए पांच सालों में 4.10 करोड़ युवाओं को लाभ मिलेगा. सरकार की एक नई पहल से पांच वर्षों में एक करोड़ युवा अग्रणी कंपनियों में इंटर्नशिप करेंगे. ये सभी कदम, विकसित भारत के निर्माण में आधारभूत योगदान देंगे.
पेरिस में भारत का शानदार प्रदर्शनः राष्ट्रपति
पेरिस में भारत का प्रदर्शन के बारे में राष्ट्रपति ने कहा, “खेल जगत भी एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें हमारे देश ने पिछले दशक में बहुत प्रगति की है. सरकार ने खेल के बुनियादी ढांचे के विकास को समुचित प्राथमिकता दी है और इसके परिणाम सामने आ रहे हैं. हाल ही में संपन्न पेरिस ओलंपिक खेलों में भारतीय दल ने अपना उत्कृष्ट प्रयास किया. मैं खिलाड़ियों की निष्ठा और परिश्रम की सराहना करती हूं. उन्होंने युवाओं में प्रेरणा का संचार किया है.”

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