स्वास्थ्य, स्वच्छता और सामुदायिक उत्थान… लोगों की जिंदगी बदल रहा ‘एक्शन फॉर रूरल रिजुवेनेशन’
दक्षिण भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में एक्शन फॉर रूरल रिजुवेनेशन (Action for Rural Rejuvenation) लोगों की जिंदगी बदल रहा है. इसकी शुरुआत साल 2003 में ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जगदीश वासुदेव ने की थी. तब से लेकर ये प्रोजेक्ट लगातार लोगों की मदद कर रहा है. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जिंदगी का कायाकल्प करना है. इसने ग्रामीण दक्षिण भारत के 7500 से अधिक गांवों को कवर किया है.
सद्गुरु के मार्गदर्शन में इस प्रोजेक्ट में लोगों के स्वास्थ्य, सामुदायिक पुनरोद्धार, आपदा प्रबंधन, बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर काम किया जा रहा है. देश की करीब 64 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है. ग्रामीण क्षेत्रों में पांच साल के कम उम्र के करीब 70 फीसदी बच्चे और 50 फीसदी महिलाएं एनीमिया से ग्रसित हैं. 80 फीसदी लोग ऐसे हैं, जो किसी न किसी वजह से मेंटल हेल्थ से जूझ रहे हैं.
हेल्थ, हाइजीन और कम्युनिटी अपलिफ्टमेंट पर फोकस
इन सब बातों को देखते हुए ही साल 2003 में सद्गुरु ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी. इस प्रोजेक्ट के तहत मुख्य तीन बिंदुओं पर फोकस किया गया है. इसमें पहला हेल्थ, दूसरा हाइजीन और तीसरा कम्युनिटी अपलिफ्टमेंट है. इस प्रोजेक्ट के जरिए टीमें घर-घर पहुंचकर हेल्थ चेकअप करती हैं. ताकि लोगों का स्वास्थ्य अच्छा रहे. टीमें हर सप्ताह गर्भवती महिलाओं तक पहुंचती हैं और उनको न्यूट्रिशन मुहैया कराती हैं.
बच्चों के लिए योगा, मार्शल आर्ट्स और डांस क्लासेस
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की दिशा में काम करते हुए पिछले सात साल में 1378 टन कचरा इकट्ठा किया गया है. आदिवासी क्षेत्र की महिलाओं को ₹17.8 मिलियन की वार्षिक आय के साथ व्यवसाय चलाने के लिए सशक्त बनाया गया है. ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा बनाने के लिए योगा, मार्शल आर्ट्स और डांस क्लासेस चलाई जाती हैं.
सामुदायिक उत्थान के लिए खेल महोत्सव ‘ग्रामोत्सव’
इतना ही नहीं ये प्रोजेक्ट किसानों की भी जिंदगी बदल रहा है. किसानों को उनकी फसल की पूरी कीमत मिले, वो बिचौलियों का शिकार न हों, इसके लिए उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है. सामुदायिक उत्थान के लिए वार्षिक खेल महोत्सव ‘ग्रामोत्सव’ कराया जाता है. इसमें 60 हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया है. इन सब कार्यों के साथ ही आपदा के समय इस प्रोजेक्ट के तहत लोगों को त्वरित और उचित सहायता दी जाती है.