हमने निर्भया से क्या सीखा, आज भी हम 2012 में खड़े हैं…कोलकाता रेप मर्डर केस पर निर्भया की मां का फूटा गुस्सा
साल 2012 में जब दिल्ली की सड़कों पर एक बेटी के संग अपराध हुआ था तब पूरे देश में निर्भया को इंसाफ दिलाने की मुहिम छिड़ गई थी, जिसके बाद 20 मार्च 2020 के दिन निर्भया को इंसाफ मिला था और अपराधियों को फांसी हुई थी, उस दिन पूरे देश ने सोच लिया था कि अब देश में फिर कहीं कोई रेप नहीं होगा, लेकिन आज फिर एक नई तारीख सब के सामने खड़ी है 9 अगस्त 2024 जब कोलकाता में 31 साल की एक जूनियर डॉक्टर के साथ रेप हुआ और उसका मर्डर हो गया.
निर्भया की मां आशा देवी जो लगातार हिम्मत से अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए डट कर खड़ी रही वो आज कोलकाता की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए भी आगे आई हैं. आशा देवी ने कोलकाता की बेटी के साथ जो कुछ हुआ उस पर कई सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा, हम निर्भया का नाम लेते हैं, लेकिन 12 साल बाद भी हम 2012 में ही खड़े हैं. क्या बदलाव आया है?
निर्भया की मां ने खड़े किए सवाल
निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, 12-13 साल हो गए इतनी चीजे बदली है, अगर नहीं कुछ बदला है तो महिलाओं के साथ घटनाएं, महिलाओं के साथ रेप बलात्कार . उन्होंने आगे कहा, हमें नहीं लगता है महिला सुरक्षा के लिए, महिलाओं के साथ जो घटनाएं हो गई उनके साथ इंसाफ के लिए कुछ बदला है. आशा देवी ने कहा, कानून जरूर बनाए गए, लेकिन उसमें काम नहीं हुआ.
आशा देवी ने उस तारीख का जिक्र करते हुए जिसमें सब को लगा था कि अब भारत में महिलाओं के साथ बलात्कार, छेड़छाड़ जैसे अपराधों पर लगाम लग जाएगी, साल 2020 जब निर्भया के दोषियों को सजा दी गई. आशा देवी ने कहा, 2020 में निर्भया के दोषियों को सजा दी गई, लेकिन उससे पहले भी और उस के बाद भी महिलाओं के साथ अपराध नहीं रुके, इतने सारे केस हुए हैं, उन्होंने पूछा किसको इंसाफ मिला. घटनाएं रोज हो रही है. उन्होंने कहा, निर्भया के दोषियों को सजा मिलने के बाद हम सोच रहे हैं कि हमारा समाज सुधर जाएगा, हमारे समाज की सोच बदल जाएगी.
सरकार से किया सवाल
आशा देवी ने सवाल करते हुए कहा, अगर आप दोषियों को सजा नहीं देंगे, उन्हें जेल में बैठा कर रखेंगे तो महिलाएं सुरक्षित कैसे होंगी. उन्होंने कहा , जब तक कानून पर काम नहीं होगा , तब तक महिलाएं सुरक्षित होंगी. आशा देवी ने कहा, सरकारें एक दूसरे पर थोप रही है, प्रदर्शन कर रही है. उन्होंने कहा, बजाए की वो उस केस पर काम करें, महिला सुरक्षा पर बात करें, अपने कानून में जो कमियां हैं उसको दूर करें, लेकिन नहीं जो मुख्यमंत्री हैं जिनके पास सारे मंत्रालय है, कानून है, पुलिस है, वो नहीं समझ आ रहा है कि वो किसके खिलाफ प्रदर्शन कर रही है.
आशा देवी ने कहा, जो भी वहां डॉक्टर्स आवाज उठा रही है, उसको दबाया जा रहा है, उन्होंने कहा, डॉक्टर्स को डराने के लिए, भीड़ आती है और डराती है. उन्होंने कहा, सरकार को इस पर सोचने की जरूरत हैं कि हम ने निर्भया से क्या सिखाया, पिछले 12 साल के बाद भी हमारे सिस्टम में क्या बदलाव आया.
इंसाफ की लगाई गुहार
आशा देवी ने कहा, जो भी डॉक्टर्स प्रदर्शन कर रहे हैं उनको इंसाफ दिया जाए, उस बच्ची को उनके मां-बाप को इंसाफ मिले. उन्होंने कहा, पीड़िता के मां-बाप के जो बयान आरहे हैं उसमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट कुछ और कह रही है, जिस तरह बच्ची के साथ बर्बरता हुई है, इन सब चीजों से लगता है कि हमारी नजरों से कुछ छिप रहा है जो बाहर आना चाहिए. उन्होंने आगे कहा, जिस तरह रिपोर्ट सामने आ रही है उससे लग रहा है बच्ची के साथ कुछ और ही हुआ और इसमें और भी लोग शामिल है.