हम कुछ नहीं कर सकते… केजरीवाल की अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग पर जल्द सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत सात दिन बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर की, जिस पर शीर्ष अदालत ने मंगलवार को तत्काल सुनवाई की अनुमति देने से इनकार कर दिया. दिल्ली सीएम की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जस्टिस जेके महेश्वरी की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने मामले को मेंशन किया था. वह ऑनलाइन के जरिए जुड़े.
सुप्रीम कोर्ट से सिंघवी ने जल्द सुनवाई की मांग उठाई. उनका कहना था कि अदालत बुधवार को मामले पर सुनवाई करे. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मेडिकल की वजह से हो या फिर कोई और वजह, हम सीजेआई को भेज रहे हैं. कब सुनवाई करनी है इसको लेकर वही निर्णय लेंगे. सिंघवी ने कहा कि जांच का प्रिस्क्रिप्शन है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम कुछ नहीं कर सकते. सीजेआई के पास जाइए. हम सूचीबद्ध करने को लेकर भी सुनवाई नहीं कर सकते.
जस्टिस जेके महेश्वरी की बेंच ने केजरीवाल से किया ये सवाल
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस जेके महेश्वरी की बेंच ने कहा कि इस मामले में फैसला सुरक्षित है. हम कुछ नहीं कर सकते. इस मामले की सुनवाई 17 मई को हुई थी और आप नए आवेदन को उचित आदेश के लिए सीजेआई के समक्ष रखें. जस्टिस जेके महेश्वरी की बेंच ने सिंघवी से यह भी कहा कि आपने जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच के समक्ष आवेदन क्यों नहीं मेंशन किया? दरअसल, केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने वाली बेंच में जस्टिस दत्ता शामिल थे.
जस्टिस जेके महेश्वरी ने सवाल किया आपने नई बेंच मेंशनिंग के लिए क्यों चुनी? ऐसे में मास्टर ऑफ रोस्टर यानी सीजेआई ही जल्द सुनवाई के लिए बेंच तय कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव 2024 के लिए प्रचार करने के लिए 21 दिनों की अंतरिम जमानत दे दी थी. हालांकि, अदालत ने उन्हें सीएम कार्यालय या दिल्ली सचिवालय का दौरा करने व आधिकारिक फाइलों पर हस्ताक्षर करने से रोक दिया थी.
केजरीवाल को 2 जून को करना होगा सरेंडर
याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री को कुछ मेडिकल टेस्ट से गुजरना है इसलिए अंतरिम जमानत को 7 दिन और बढ़ाया जाए. केजरीवाल की अंतरिम जमानत एक जून को खत्म हो रही है और उन्हें दो जून को सरेंडर करना होगा. दिल्ली सीएम को कथित शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने गिरफ्तार किया था.