हरियाणा चुनाव: बीजेपी और कांग्रेस के लिए सिर दर्द बने बागी, कई निर्दलीय मैदान में उतरे
हरियाणा में विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर नामांकन की आखिरी तारीख निकल चुकी है. कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने सभी 90 सीटों पर अपने कैंडिडेट उतारे. हरियाणा चुनाव में सबसे बड़ी समस्या अब बीजेपी और कांग्रेस जैसी पार्टियों के सामने बागी नेताओं की है. बीजेपी की पहली लिस्ट जारी होने के बाद जो बगावत हुई उससे पार्टी अभी तक संभल नहीं पाई. कुछ बगावती नेता पार्टी छोड़कर AAP और जेजेपी जैसी पार्टियों में शामिल हो गए तो कुछ निर्दलीय ही मैदान में उतर गए हैं. इस वक्त बीजेपी के करीब 10 और कांग्रेस के करीब 23 नेता बागी होकर निर्दलीय अपनी ही पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर चुके हैं.
टिकट ना मिलने के बाद कांग्रेस और बीजेपी के लिए अपने नेता ही उसके लिए सबसे बड़ी मुसीबत का सबब बन गए हैं. अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों के 23 बड़े और कद्दावर नेताओं ने कांग्रेस और 10 नेताओं ने बीजेपी पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए निर्दलीय या दूसरी पार्टियों में शामिल होकर पर्चा भर दिया है.
कांग्रेस के बागी नेताओं में कौन-कौन?
कांग्रेस के बागी नेताओं में रोहिता रेवड़ी, संपत सिंह, उपेन्द्र कौर अहलूवालिया, शारदा राठौर, ललित नागर, सतबीर रातेरा और चित्रा सरवारा जैसे बड़े नाम शामिल हैं. कांग्रेस में तीन महीने पहले शामिल हुईं पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी व विजय जैन ने पानीपत ग्रामीण सीट से टिकट न मिलने पर बगावत कर दी. दोनों ने पार्टी से त्यागपत्र दे निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन करा दिया.
अंबाला सिटी से कांग्रेस प्रत्याशी निर्मल चौधरी की बेटी चित्रा सरवारा ने अंबाला कैंट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पर्चा भरा है. अंबाला शहर से टिकट न मिलने पर हिम्मत सिंह व जसबीर मलोर ने आजाद प्रत्याशी के रूप में नामांकन कराया है. कुरुक्षेत्र से पूर्व मंत्री जसविंदर सिंह संधू के बड़े बेटे जसतेज संधू ने कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन कराया है. जगाधरी से टिकट न मिलने पर आदर्श पाल कांग्रेस छोड़ आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में नामांकन कराया है.
पूर्व वित्त मंत्री संपत सिंह भी निर्दलीय मैदान में
हिसार की नलवा विधानसभा सीट से कांग्रेस से बागी होकर पूर्व वित्त मंत्री संपत सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा. हांसी में कांग्रेस के सबसे अधिक पांच बागियों ने नामांकन भरा. नरेश यादव, प्रेम मलिक, कर्ण सिंह बामल, सुमन शर्मा, मनोज राठी ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन किया है. फतेहाबाद से कांग्रेस का टिकट न मिलने से खफा अनिल ज्याणी ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया है.
वहीं, बाढड़ा हलके से दावेदार सोमवीर घसोला ने भी निर्दलीय पर्चा भरा है. सोनीपत से कांग्रेस से बगावत करके बरोदा विधानसभा सीट पर आजाद उम्मीदवार के रूप में डॉ. कपूर सिंह नरवाल ने पर्चा भरा है. जींद से कांग्रेस से बागी प्रदीप गिल ने निर्दलीय नामांकन पत्र दाखिल किया. नरवाना से कांग्रेस से बागी विद्या रानी दनौदा ने इनेलो के टिकट पर नामांकन पत्र दाखिल किया है.
डैमेज कंट्रोल में जुटी बीजेपी
हालांकि बागी नेताओं को कंट्रोल करने में बीजेपी ने थोड़ी सी सफलता पाई है. बीजेपी ने अपने लगभग सभी बड़े बागी नेताओं को मना कर अपने पाले को और मजबूत बना लिया है, लेकिन इसके बावजूद बीजेपी के करीब 10 बागी निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर चुके हैं.
पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा, शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा, पूर्व विधायक नरेश कौशिक, पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह और पूर्व पार्षद लोकेश नांगरू ने पार्टी आलाकमान के प्रयासों के बाद सभी गिले-शिकवे भुला दिए हैं और निर्दलीय लड़ने से मना कर दिया है. हालांकि कुछ बड़े नेताओं के निर्दलीय नामांकन ना करने के बावजूद बीजेपी की मुश्किलें अभी भी बनी हुई है और कुछ नेताओं ने अपने पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिए हैं.
हिसार में बीजेपी से बागी होकर पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल और निवर्तमान मेयर गौतम सरदाना ने निर्दलीय नामांकन किया है. सिरसा के भाजपा नेता गोबिंद कांडा ने फतेहाबाद सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा है. हालांकि नामांकन भरने गोबिंद कांडा खुद नहीं आए. उनके समर्थकों ने नामांकन-पत्र जमा किया. पूर्व विधायक तेजवीर सिंह ने कुरुक्षेत्र में कांग्रेस का दामन थाम लिया.
गन्नौर और सोनीपत सीट पर असर
चरखी दादरी में 40 साल से भाजपा से जुड़े नगर परिषद के पूर्व चेयरमैन संजय छपारिया ने निर्दलीय नामांकन किया है. महम हलके से राधा अहलावत ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल किया है. देवेंद्र कादियान ने गन्नौर सीट से और राजीव जैन ने सोनीपत से आजाद उम्मीदवार के तौर पर नामांकन किया.
नरवाना से बीजेपी से बागी संतोष दनौदा ने जेजेपी प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया. झज्जर से सतबीर सिंह एडवोकेट, बेरी से बीजेपी किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष अमित अहलावत और नारनौल से भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन किया है. फरीदाबाद एनआईटी से टिकट के दावेदार पूर्व विधायक नगेंद्र भड़ाना ने इनेलो के टिकट पर पर्चा भरा है.
भिवानी से निर्दलीय नामांकन दाखिल करने वाले कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक रामकिशन फौजी ने कहा कि पार्टी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उनके साथ धोखा किया है. सोनीपत से बाहरी व्यक्ति को उम्मीदवार लाकर भिवानी में चुनाव में खड़ा कर दिया गया है. ऐसे में वो पार्टी के खिलाफ जाकर निर्दलीय नामांकन दाखिल कर रहे हैं.
अनिल विज ने कांग्रेस की ली चुटकी
हालांकि बीजेपी अपनी बगावत को तो थामने का दावा कर रही है, लेकिन नेता और पूर्व स्वास्थ्य और गृह मंत्री अनिल विज ने कांग्रेस में जारी बगावत और कांग्रेस के नेताओं द्वारा निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतरने पर चुटकी ली. अनिल विज ने कहा कि कांग्रेस धड़ों की पार्टी है और जिस धड़े की नहीं चलती वो निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतर जाता है.