हरियाणा चुनाव से पहले पीपली में आज किसानों की महापंचायत, अमृतसर में भी मोर्चा लगाने की है तैयारी

हरियाणा में चुनाव काफी नजदीक आ गए हैं, इसी बीच संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने एक बार फिर आज (24 सितंबर) महापंचायत करने का ऐलान किया है. किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के कोऑर्डिनेटर सरवन सिंह पंधेर ने ऐलान किया कि यह महापंचायत हरियाणा के पीपली में आयोजित की जाएगी.
सभी किसानों को इस महा पंचायत का हिस्सा बनने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही किसान आगामी बुधवार (2 अक्टूबर) को अमृतसर में पंजाब के डीसी ऑफिस में मोर्चा लगाने की तैयारी कर रहे हैं.
कुरुक्षेत्र में हुई महा पंचायत
इससे पहले 22 सितंबर को कुरुक्षेत्र में किसानों की महा पंचायत हुई. इस महा पंचायत में किसानों ने बड़ा फैसला लिया. महा पंचायत में ऐलान किया गया कि किसान 3 अक्टूबर को पूरे देश में रेल ट्रैक जाम करेंगे. पंधेर ने जानकारी दी कि 3 अक्टूबर को पूरे देश भर में दो घंटे के लिए रेलवे ट्रैक को जाम किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा, आने वाले समय में किसान आंदोलन को और भी तेज किया जाएगा.
जींद में हुई महा पंचायत
इससे पहले 15 सितंबर को हरियाणा के जींद के उचाना में किसान महा पंचायत हुई. इस महा पंचायत में किसानों नेताओं ने चुनाव के चलते फैसला लिया कि किसानों की ओर से हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी का समर्थन या विरोध नहीं किया जाएगा. इस महापंचायत का आयोजन भारतीय किसान नौजवान यूनियन ने किया था. हरियाणा से लेकर पंजाब तक भारी संख्या में कई किसान इस महा पंचायत का हिस्सा बने थे.
“हमारा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं”
इस महापंचायत का जगजीत सिंह दल्लेवाल, श्रवण सिंह पंधेर और अभिमन्यु कोहड़ समेत कई किसान नेता हिस्सा बने. जगजीत सिंह दल्लेवाल ने इस महापंचायत में कहा था, हमारा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है. हमारा मकसद आंदोलन को मजबूत करना है. हम विधानसभा चुनाव में न तो किसी की मदद करेंगे और न ही किसी का विरोध करेंगे. हालांकि उन्होंने कहा, अपने आंदोलन को मजबूत करने के लिए हम लोगों को सरकार की विफलताओं और किसानों के खिलाफ लिए गए फैसले बताएंगे.
पीपली क्यों है अहम
देश में साल 2020 में सरकार MSP पर तीन कानून लेकर आई थी, जिसको लेकर पूरे देश में किसानों ने आंदोलन किया था. अगर हम किसानों के आंदोलन का इतिहास देखे तो पीपली काफी अहम जगह है. पीपली ही वो जगह है जहां किसानों ने तीन फार्म कानून के खिलाफ दिल्ली में मार्च करने से पहले सबसे पहले महा पंचायत की थी. यह महा पंचायत 10 सितंबर साल 2020 में हुई थी.

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