हरियाणा: बजरंग पूनिया की मनचाही सीट पर फंसा रोड़ा, कांग्रेस हाईकमान के लिए सिरदर्द, मिशन में जुटे वेणुगोपाल
बजरंग पूनिया को चुनाव को लड़ाने के फैसले पर अभी कांग्रेस सब-कुछ नहीं बता रही है. कांग्रेस इनके चुनाव लड़ने का ऐलान करने से पहले एक सियासी जमीन ढूढ़ रही है. बजरंग पूनिया हरियाणा की बादली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं, लेकिन वहां उनको जगह नहीं मिल पा रही है, क्योंकि वहां से ब्राम्हण सिटिंग विधायक कुलदीप वत्स सीट छोड़ने को तैयार नहीं है. इसी बीच विधायक कुलदीप वत्स से केसी वेणुगोपाल ने गुपचुप मुलाकात करने की खबर सामने आई है.
बजरंग पूनिया की सीट पर रोड़ा बने कांग्रेस के ब्राम्हण सिटिंग विधायक अपनी सीट को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. उनको समझाने के लिए केसी वेणुगोपाल ने उन्हें दिल्ली बुलाया. उनसे जब सीट को खाली करने के लिए कहा गया तो उन्होंने वेणुगोपाल से कहा, ‘मैं ही लड़ूंगा, मेरा क्या कसूर?’ इससे कहीं न कहीं बजरंग पूनिया की मुश्किले बढ़ सकती हैं. बजरंग पूनिया इसी सीट से कांग्रेस का टिकट चाह रहैं हैं.
सीट छोड़ने को तैयार नहीं वत्स
ऐसे में केसी वेणुगोपाल ने कुलदीप वत्स से सीट छोड़ने पर चर्चा की. हालांकि इसके लिए उनको दूसरी सीट और बेहतर पद देने का भी वादा किया गया है, लेकिन फिलहाल कुलदीप वत्स इस सीट छोड़ने को तैयार नहीं है. ऐसे में कांग्रेस वत्स जैसे नेता को नाराज तो नहीं करेगी. वहीं टिकट काटकर ब्राह्मणों को तो बिल्कुल भी नाराज नहीं करेगी. राजनीतिक चाणक्यों की मानें तो ये चर्चा है कि पार्टी विनेश और पूनिया के लिए कोई और विकल्प तलाश करेगी. कहा जा रहा है कि बजरंग को बहादुरगढ़ और भिवानी सीट से चुनाव लड़ने का विकल्प दिया गया है.
हुड्डा के करीबी हैं विधायक वत्स
विधायक कुलदीप वत्स को हुड्डा का करीबी माना जाता है. दरअसल 2023 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश में चार डिप्टी सीएम के लिए बात कही थी. उस समय कुलदीप वत्स ने कहा था कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जो घोषणा की है, वह पत्थर की लकीर है. इनकी पहचान एक दबंग नेता के तौर पर है. करीब एक साल पहले भी विधायक वत्स ने कहा था कि हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनेगी.