हरियाणा से पहले दिल्ली देखें… AAP नेता सोमनाथ भारती ने क्यों उठाए कांग्रेस के साथ गठबंधन पर सवाल?

हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर आम आदमी पार्टी के भीतर से ही विरोध के सुर उठने लगे हैं. आम आदमी पार्टी के विधायक और नई दिल्ली लोकसभा सीट से उम्मीदवार रहे सोमनाथ भारती ने कहा कि हरियाणा में आप-कांग्रेस गठबंधन होने से पहले आम आदमी पार्टी को लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में बने इसी तरह के गठबंधन की ताकत और कमजोरियों की पहचान करनी चाहिए.
सोमनाथ भारती ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जी ने तीनों कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए रोड शो किए, AAP के वरिष्ठ नेताओं और कैबिनेट मंत्रियों ने तीनों कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया लेकिन AAP उम्मीदवारों खासकर मुझे दिल्ली कांग्रेस और स्थानीय नेताओं की ओर से बिल्कुल भी समर्थन नहीं दिया गया. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली समेत कई कांग्रेस नेता चल रहे चुनाव प्रचार के बीच में ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए.
अजय माकन ने भी मिलने किया इनकार
सोमनाथ भारती ने बताया कि कांग्रेस के सीनियर लीडर अजय माकन ने मिलने से भी इनकार कर दिया, जितेन्द्र कोचर जैसे स्थानीय नेताओं ने इस गठबंधन के खिलाफ काम किया और कथित तौर पर पैसे के लिए भाजपा के सांसद उम्मीदवार के लिए वोट मांगे. सोमनाथ भारती ने कहा कि कांग्रेस के वोटों को हमारे पक्ष में एकजुट करने के लिए हमारे संसदीय क्षेत्रों में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया.
सभी सीटों पर चुनाव
यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी के समर्थक इस तरह के बेमेल और स्वार्थी गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं और आम आदमी पार्टी को हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में सभी सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ना चाहिए. हरियाणा बीजेपी अपने आखिरी दिन पर है. कांग्रेस बड़े पैमाने पर अंदरूनी झगड़ों का सामना कर रही है और हरियाणा केजरीवाल जी का गृह राज्य है, ऐसे में आम आदमी पार्टी को हरियाणा में पहली गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेसी ईमानदार सरकार देने के लिए अपने दम पर सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए.
अजय माकन पर आरोप
सोमनाथ भारती ने आगे कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जिस काल्पनिक शराब घोटाले ने भाजपा को हमारे नेताओं को महीनों और सालों तक गिरफ्तार करने की वजह दी. उसकी साजिश अजय माकन ने रची और उसे सख्ती से आगे बढ़ाया गया. जब आम आदमी पार्टी को हराने की बात आती है, तो भाजपा और कांग्रेस दोनों खुले तौर पर या चुपके से एक साथ काम करते हैं.

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