हर कदम पर अमेरिका के साथ रहा ये मुस्लिम देश, 52 साल बाद मिला रिटर्न गिफ्ट
दुनिया के सबसे ताकतकर मुल्क अमेरिका और मुस्लिम देश कतर के बीच गहरी दोस्ती है. अमेरिका ने 19 मार्च, 1972 को कतर के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए थे. इसके एक साल बाद 1973 में कतर की राजधानी दोहा में अमेरिका ने अपना दूतावास खोला. तब से लेकर अब तक दोनों देशों के संबंध मजबूत होते गए हैं. कतर भी हर कदम पर अमेरिका के साथ रहा और अब 52 साल बाद उसे रिटर्न गिफ्ट मिला है. कतर अमेरिका के वीजा वेवर प्रोग्राम का हिस्सा का बन गया है, यानी कतर के नागरिक अब बिना वीजा के अमेरिका जा सकेंगे.
अमेरिकी विदेश विभाग और होमलैंड सिक्योरिटी ने घोषणा की, कतर ने कड़े नियमों को पूरा किया है. विभाग ने कहा कि कतर अमेरिका का असाधारण भागीदार रहा है. हमारे रणनीतिक संबंध पिछले कुछ वर्षों में और मजबूत हुए हैं. यह हमारी रणनीतिक साझेदारी और सुरक्षा और स्थिरता के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता का एक और सबूत है.
90 दिन तक बिना वीजा के रह सकेंगे
कतर गाजा में युद्धविराम वार्ता की कोशिश कर चुका है. वह अफगानिस्तान से अमेरिकी वापसी का समर्थन करने सहित अमेरिकी कूटनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है. वह अब अमेरिकी वीजा से छूट पाने वाले देशों में शामिल हो गया है. इस लिस्ट में ज्यादातर देश यूरोप और अमेरिका के सहयोगी हैं. कतर के अलावा ब्रुनेई अमेरिका की इस योजना में एकमात्र अन्य मुस्लिम देश है. हालांकि कतर की जनसंख्या 30 लाख से अधिक है. उसके केवल 3 लाख नागरिक ही अमेरिका की इस छूट का फायदा उठा सकते हैं, क्योंकि अधिकांश निवासी कतर के पासपोर्ट के बिना विदेशी श्रमिक या प्रवासी हैं.
अमेरिका के इस फैसले से कतर के नागरिक बिना वीजा के बिजनेस या घूमने के लिए 90 दिनों तक अमेरिका में रह सकेंगे. हालांकि उन्हें अभी भी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम फ़ॉर ट्रैवल ऑथराइज़ेशन (ईएसटीए) के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक अनुमोदन प्राप्त करना होगा. ये एक ऑनलाइन प्रक्रिया है जिसमें व्यक्तिगत साक्षात्कार की आवश्यकता नहीं होती है.
वहीं, 1 अक्टूबर से अमेरिका के नागरिक भी बिना वीजा के कतर जा सकेंगे और 90 दिन तक वे वहां पर रह सकेंगे. इससे पहले इजराइल अमेरिका की इस योजना में शामिल हुआ था. पिछले साल वो इससे जुड़ा था.