हर तरफ पानी-पानी…तेलंगाना-आंध्र प्रदेश में बारिश से हाल बेहाल, छतों पर फंसे लोग

तेलंगाना में भीषण बारिश की वजह से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है. सोमवार और मंगलवार को सीएम ए. रेवंत रेड्डी ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और बचाव और राहत कार्य पर एक समीक्षा बैठक भी ली. पिछले चार दिनों से जारी भारी बारिश की वजह से कई इलाकों में हालात बद से बदतर हो गए हैं. कई लोग अपने घरो की छतों पर फंसे हुए हैं. कई गांवों का शहरों से संपर्क पूरी तरह से टूट गया है. कई लोगों को खाने और पीने के पानी के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है.
सीएम ए. रेवंत रेड्डी ने भारी बारिश और बाढ़ की वजह से राज्य में करीब 5 हजार करोड़ के नुकसान का अनुमान लगाया है. उन्होंने केंद्र सरकार से 2 हजार करोड़ रुपये की सहायता राशि का अनुरोध किया है. बारिश में अनुमान है कि अभी तक कम से कम 16 लोगों की मौत हो चुकी है. जिन लोगो की मौत हुई है उनके परिवारों को सीएम ने 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि देने की घोषणा की है.
100 से ज्यादा राहत शिविर
राज्य में 100 से ज्यादा राहत शिविरों की स्थापना की गई है और इनमें करीब 4000 लोगों को शरण दी गई है. बारिश का दौर राज्य में पिछले शनिवार से लगातार जारी है. इसी वजह से यहां पर कई जगहों पर जलभराव की स्थिति बन गई है और कई नदियां उफान पर हैं. कई गांवों का मुख्य क्षेत्रों से सपर्क टूट गया है. जिन कालोनियों में जलभराव की स्थिति है वहां लोग छत पर ही फंसे हुए हैं.
11 जिलों में अलर्ट
राज्य में हजारों एकड़ में फैली खेती का नुकसान भी हुआ है. पूरे तेलंगाना में अभी भी बारिश का दौर जारी रह सकता है. 11 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए एक दिन पहले ही अर् जारी किया गया था. 11 जिलो के कलेक्टरों को भी आदेश जारी करके बचाव एवं राहत के लिए तत्पर रहने के निर्देश दिए गए थे.
आंध्र प्रदेश में भी बदतर हालात
आंध्र प्रदेश में भी बाढ़ की वजह से कई जगहों पर हालात गंभीर बने हुए हैं. आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में लोग अपने छतों पर फंसे हुए हैं जिन्हें हेलीकॉप्टर से खाद्य सामग्री भेजी जा रही है. राज्य सरकार ने इस बात की जानकारी दी है कि प्राथमिक चीजों को लोगों तक पहुंचाया जा रहा है जबकि करीब 43 हजार लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है. बंगाल की खाड़ी में दबाव बन हुआ है जिसकी वजह से पूरे राज्य में भीषण बारिश का दौर जारी है. बाढ़ में विजयवाड़ा जिला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है.

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