हाई कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में पांच अलगाववादी गुटों पर बैन को बताया सही, गृह मंत्रालय ने लगाया प्रतिबंध

न्यायाधिकरण ने जम्मू-कश्मीर के पांच अलगाववादी समूहों पर लगाए गए प्रतिबंध को बरकरार रखा. इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि ये समूह अलगाववाद की भावनओं को भड़का कर भारत की अखंडता को खतरा पहुंचा रहे हैं. इसमें मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर (भट गुट) और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग (जेकेपीएल) के चार गुट शामिल हैं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसी साल 28 फरवरी को एक अधिसूचना जारी करके मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर (एमसीजेके-भट) को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया था. इसके बाद मंत्रालय ने 18 मार्च को जुडीशियल महकमे यानी स्पेशल कोर्ट का गठन किया, जो इस मामले में निर्णय करने के मकसद से बनाया गया था. जिससे ये जांच की जा सके कि एमसीजेके-भट को गैरकानूनी संगठन घोषित करने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं या नहीं. इस पर फैसला लेने की जिम्मेदारी दिल्ली हाई कोर्ट की जज नीना बंसल कृष्णा को सौंपी गई थी.
प्रतिबंध को रखा बरकरार
जस्टिस कृष्णा के नेतृत्व वाली अदालत ने दो अलग-अलग आदेश जारी कर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत लगाए गए प्रतिबंध को बरकरार रखा. इनमें से एक आदेश मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर (भट गुट) से संबंधित तो वहीं दूसरा जेकेपीएल के चार गुटों से जुड़ा है.
मंत्रालय ने मंगलवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि स्पेशल कोर्ट ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत स्पेशल ताकत का इस्तेमाल करते हुए 23 अगस्त को एक आदेश पारित किया, जिसमें उक्त अधिसूचना में की गई घोषणा कंफर्म की गई है.
आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध
मंत्रालय ने प्रतिबंध लगाते समय कहा था कि एमसीजेके-भट के प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध हैं और यह जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का समर्थन करता है. इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर को भारत संघ से अलग करने के लिए भारत के खिलाफ नफरत और असंतोष की भावना पैदा करने में लिप्त हैं.
गैरकानूनी गतिविधियों का आरोप
मंत्रालय ने कहा था कि इसके नेता और सदस्य आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने और सुरक्षा बलों पर लगातार पथराव करने सहित गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान तथा उसके छद्म संगठनों सहित विभिन्न स्रोतों के माध्यम से धन जुटाने में शामिल हैं. एमसीजेके-एस ने कश्मीर के लोगों को चुनाव में भाग लेने से लगातार परहेज करने के लिए कहा है और इस तरह भारतीय लोकतंत्र के संवैधानिक रूप से मान्यता प्राप्त बुनियादी सिद्धांतों को लक्षित और बाधित किया है.
स्पेशल कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग के चार गुटों- जेकेपीएल (मुख्तार अहमद वाजा), जेकेपीएल (बशीर अहमद तोता), जेकेपीएल (गुलाम मोहम्मद खान उर्फ ​सोपोरी) और याकूब शेख के नेतृत्व वाली जेकेपीएल (अजीज शेख)- पर लगाए गए प्रतिबंध की पुष्टि की है. जेकेपीएल (गुलाम मोहम्मद खान उर्फ ​सोपोरी) को जम्मू-कश्मीर पीपुल्स पॉलिटिकल लीग के नाम से भी जाना जाता है.

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