हार्मोन और दिल का क्या है रिलेशन, रिजल्ट से पहले हमारी ही नहीं, नेताओं की भी बढ़ जाती हैं धड़कनें
हरियाणा और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के परिणाम आज आ रहे हैं. इन चुनाव में कई प्रत्याशियों की किस्मत दांव पर लगी है. किसकी जीत होगी और किसकी हार ये तो नतीजों के आने के बाद ही पता चलेगा. खैर, जिस तरह कोई आम इंसान अपने जीवन से संबंधित किसी रिजल्ट का इंतजार करता है उसी तरह नेता भी वोटों की गिनती के दिन अपने परिणाम का इंतजार करते हैं. रिजल्ट आने से पहले आम लोगों की ही नहीं नेताओं की भी धड़कने बढ़ जाती है. लेकिन ऐसा क्यों होता है. किसी भी परिणाम के आने से हार्ट बीट बढ़ने का क्या संबंध है.इसके पीछे क्या मेडिकल साइंस है. इस बारे में एक्सपर्ट्स से जानते है.
दिल्ली के राजीव गांधी अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग में डॉ अजित जैन बताते हैं कि किसी बात कि चिंता, मानसिक तनाव, किसी चीज को लेकर बहुत अधिक आशा या निराशा, ये सभी चीजें हार्ट बीट के बढ़ने का कारण बन सकती हैं. जब कोई व्यक्ति किसी बात को लेकर चिंता, घबराहट या मानसिक तनाव में रहता है तो शरीर में एड्रेनालाईन हार्मोन ज्यादा मात्रा में रिलीज होता है. एड्रेनालाईन शरीर में मौजूद स्ट्रेस हार्मोन होता है. जब कोई व्यक्ति किसी प्रकार के तनाव में होता है तो ये हार्मोन ट्रिगर हो जाता है और तुरंत अपनी प्रतिक्रिया देता है. इस हार्मोन के एक्टिव होने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन तेज हो जाता है और इसका असर हार्ट पर भी पड़ता है. इससे हार्ट बीट फास्ट हो जाती है.
ब्रेन और हार्मोन का है कनेक्शन
डॉ जैन बताते हैं कि ज्यादा चिंता या तनाव के कारण नर्वस सिस्टम भी ओवर एक्टिव हो जाता है और वह हार्ट को सिग्नल भेजता है. इस सिग्नल से हार्ट को संदेश मिलता है कि तेज धड़कना है और हार्ट बीट फास्ट हो जाती है. एड्रेनालाईन हार्मोन और नर्वस सिस्टम का एक्टिव होना हार्ट बीट तेज होने का कारण है.
कुछ मामलों में मानसिक तनाव की वजह से व्यक्ति का ब्लड प्रेशर भी हाई हो जाता है. इससे हार्ट बीट तेज हो जाती है. मानसिक तनाव से हार्ट की नसें सिकुड़ जाती है और कम स्पेस में ज्यादा ब्लड फ्लों कराने के कारण भी दिल पर प्रेशर पड़ता है और धड़कन बढ़ने लगती है.
क्या ये खतरनाक है?
डॉ जैन बताते हैं कि ऐसी घटनाओं में हार्ट बीट का बढ़ना एक सामान्य बात है, लेकिन अगर दिल की धड़कन लगातार बढ़ रही है और इस दौरान सांस फूल रही है या चक्कर भी आ रहे हैं तो इसको हल्के में नहीं लेना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि मानसिक तनाव ज्यादा बढ़ने और घहराहट की वजह से से हार्ट बहुत तेजी से भी धड़क सकता है. हार्ट बीट लगातार फास्ट होने से हार्ट फेल का भी खतरा रहता है. ऐसे में इन लक्षणों को हल्के में नहीं लेना चाहिए.
हार्ट बीट कैसे करें कंट्रोल
अगर आपको लग रहा है कि हार्ट बीट तेज हो रही हैं तो गहरी सांस लें और 5 मिनट तक गहरी सांस लेते रहें और सांस छोड़े इससे काफी फायदा मिलेगा. इस दौरान रिजल्ट की चिंता न करें और किसी शांत जगह बैठे. इस दौरान थोड़ा पानी पीएं और कुछ कदम टहलें. अगर ऐसा करने के बाद भी आपको आराम नहीं लग रहा है और हार्ट बीट तेज ही चल रही है तो फिर डॉक्टर से सलाह लें. इस मामले में लापरवाही न करें. लापरवाही बरतना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है.