हिंद महासागर में चीन की चालबाजी का जवाब देगी INS नीलगिरी, परीक्षण शुरू

हिंद महासागर में चीन की चालबाजियों का जवाब देने के लिए भारतीय नौसेना ने स्टील्थ गाइडेड मिसाइल INS नीलगिरी का परीक्षण शुरू कर दिया है. ये घातक वॉरशिप भारत की समुद्री सीमाओं की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. प्रॉजेक्ट-17 के तहत बना अल्फा स्टील्थ फ्रिगेट्स पहला युद्धपोत आईएनएस नीलगिरी इस साल तक भारतीय नौसेना के बेड़े में कमीशंन हो जाएगा. आईएनएस नीलगिरी का साल 2019 में जलावतरण हुआ था.
नेक्स्ट जनरेशन स्टील्थ और गाइडेड मिसाइल से लैस ये डिस्ट्रॉयर हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की ताकत को कई गुना बढ़ाएगी. प्रॉजेक्ट-17 ए फ्रिगेट स्वदेशी रूप से विकसित एडवांस और अत्याधुनिक युद्धपोतों में से एक है. इसे भारतीय नौसेना के पनडुब्बी रोधी, एंटी सबमरीन, एंटी एयर और एंटी सरफेस युद्ध के लिए एक शक्तिशाली प्लेटफॉर्म की तरह उपयोग करने के लिए डिजाइन किया गया है.
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किसी भी हमले का करारा जवाब देता है नेक्स्ट जेनरेशन युद्धपोत
समुद्र में दुश्मन काल INS नीलगिरी जहाज 3-डाइमेंशंस यानी तीनों आयामों में खतरों को बेअसर करने में माहिर है. हवा, सतह और पानी के नीचे से होने वाले किसी भी हमले का नेक्स्ट जेनरेशन युद्धपोत करारा जवाब देता है. इसमें मीडियम-रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल्स सिस्टम, ब्रह्मोस सरफेस-टू-सरफेस मिसाइल, टॉरपीडो ट्यूब लॉन्चर्स, एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स और सुपर रेपिड गन माउंट लगा हुआ है. यह फ्रिगेट बेहतर स्टील्थ सुविधाओं, उन्नत हथियारों, सेंसर और रडार सिस्टम से लैस किया गया है.
इसके साथ ही भारत अस्त्र एमके-2 को अपने हथियारों के जखीरे में शामिल करने जा रहा है. जल्द ही इस मिसाइल को राफेल एयरक्राफ्ट में लगाया जाएगा. ये हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है.इसके साथ ही तेजस मार्क 1-A, तेजस मार्क 2-A लड़ाकू विमान सुखोई और AMCA जैसे विमानों की ताकत बढ़ेगी.
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