हिजबुल्लाह पर नेतन्याहू को आया रहम, लेकिन हमास-ईरान के लिए काल बनेगी ये दया!
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने लेबनान के संगठन हिजबुल्लाह के साथ सीजफायर का ऐलान किया है. इसके साथ ही दोनों के बीच 14 महीने से जारी लड़ाई पर विराम लग जाएगा. हिजबुल्लाह पर नेतन्याहू को रहम तो आ गया, लेकिन उनकी ये दया ईरान और हमास के लिए काल बन सकती है. ऐसा क्यों तो इसका जवाब नेतन्याहू के संबोधन में ही मिलता है.
उस जवाब को जानने से पहले हम ये जान लेते हैं कि सीजफायर पर इजराइल की ओर से क्या कहा गया. नेतन्याहू के ऑफिस ने कहा, सुरक्षा कैबिनेट ने 10-1 वोट से अमेरिकी मध्यस्थता वाली युद्धविराम योजना को मंजूरी दे दी. इजराइल ने इस प्रक्रिया में अमेरिका के योगदान की तारीफ की है. हालांकि उसने ये भी साफ कर दिया कि खुद की सुरक्षा के लिए जो भी कार्रवाई होगी उसका अधिकार वो रखता है.
क्यों किया गया सीजफायर का ऐलान?
सीजफायर का ऐलान क्यों किया गया, नेतन्याहू ने इसकी वजह भी बताई. उन्होंने देश को संबोधित करते हुए कहा कि युद्धविराम की अवधि लेबनान में विकास पर निर्भर करेगी. नेतन्याहू ने ये भी कहा कि इससे हमें ये मालूम पड़ेगा कि क्या सीजफायर अस्थायी उपाय है या नहीं. प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि इजराइली सेना को ईरान पर फोकस करने की जरूरत है.
दूसरी वजह में नेतन्याहू ने कहा कि इजराइली सेना को स्टॉक को फिर से भरने की जरूरत है. इसके बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा, यह कोई रहस्य नहीं है कि हथियारों और युद्ध सामग्री की डिलीवरी में बड़ी देरी हुई है. इन देरी को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा. हमें हथियारों की आपूर्ति प्राप्त होगी जो हमारे सैनिकों को सुरक्षित रखेगी.
तीसरा कारण गिनाते हुए नेतन्याहू ने कहा, हिजबुल्लाह के साथ युद्धविराम हमास को अलग-थलग करने की एक रणनीति है. उन्होंने आगे कहा, युद्ध के बाद से हमास हिजबुल्लाह से भरोसे थे. लेकिन अब जब हिजुबल्लाह तस्वीर से बाहर हो गया है तो हमास अकेला रह गया है. उन्होंने कहा, हम हमास पर अपना दबाव बढ़ाएंगे और इससे हमें अपने बंधकों को रिहा करने के मिशन में मदद मिलेगी.
अपने संबोधन में नेतन्याहू ने आगे कहा कि युद्धविराम समझौते में एक क्लाज पर विवाद भी था. लेबनान उसका विरोध कर रहा था. हिजबुल्लाह अगर समझौते का उल्लंघन करता है तो हम सैन्य कार्रवाई के लिए स्वतंत्र रहेंगे.
हमास के साथ ईरान और हिजबुल्लाह
बात हमास और इजराइल के बीच तनाव की बात करें तो ये 7 अक्टूबर, 2023 के बाद बढ़ गया. इजराइल में हमास के हमले के बाद दोनों के बीच तनाव बढ़ा. हमास के हमले के बाद से इजराइल गाजा में बमबारी कर रहा है. इजराइल और हमास के बीच जंग को 1 साल से ज्यादा का वक्त हो गया. फिलस्तीन के मुताबिक, गाजा पट्टी में मरने वालों की संख्या 44,000 से अधिक हो गई है. मरने वालों में आधे से अधिक महिलाएं और बच्चे हैं.
ईरान के प्रॉक्सी ने इजराइल के खिलाफ खोल रखा है मोर्चा
हमास के साथ हिजबुल्लाह और हूती भी खड़े हैं. इन तीनों को ईरान का प्रॉक्सी कहा जाता है. यही वजह है कि इजराइल का तनाव ईरान के साथ भी बढ़ा है. ईरानी प्रॉक्सी एकजुट होकर मिडिल ईस्ट में इजराइल के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. बीते 24 घंटे से ईरानी के प्रॉक्सी इजराइल के बेस पर हमले कर रहे हैं. वहीं हूती लाल सागर में यूरोपीय देश के जहाजों पर मिसाइल दाग रहा है.
हूती लड़ाकों ने इटली के मालवाहक जहाज को निशाना बनाया. इटली का शिप अदन की खाड़ी से ईरान की तरफ जा रहा था. मगर बाब-अल-मनदाब स्ट्रैट पर हूती ने शिप पर मिसाइल दागी. हूती लड़ाकों के मिसाइल अटैक से इटली के शिप को नुकसान हुआ. दावा है कि हूती ने इस शिप पर रॉकेट से हमला किया. ये इटली की कंपनी MSC तव्वीशी का कंटेनर शिप था. तव्वीशी दुनिया की सबसे बड़ी कंटेनर शिपिंग कंपनी है. समंदर के जरिए होने वाला 20% व्यापार इसी कंपनी के जरिए होता है. हूती इस साल कंपनी के 14 शिप्स को नुकसान पहुंचा चुका है.
हूती ने सिर्फ लाल सागर में हमला नहीं किया, बल्कि इजराइल के ऐलात शहर पर भी बैलिस्टिक मिसाइलें दागी. दावा है कि हूती ने ऐलात पोर्ट पर 2 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी. हालांकि इजराइल का दावा है कि उसने बैलिस्टिक मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया.
इधर इराकी रेजिस्टेंस फोर्स ने भी इजराइल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. रेजिस्टेंस फोर्स ने गोलन हाइट्स पर बम बरसाए हैं.
इराकी रेजिस्टेंस से गोलन हाइट्स पर 20 रॉकेट और 8 ड्रोन से हमला किया. दावा है कि 6 रॉकेट टारगेट को हिट करने में कामयाब रहे. हालांकि इजराइल ने रेजिस्टेंस के हमले को पूरी तरह से फेल करने की बात कही है.