हिन्दुस्तान को बधाई…फूड इंफ्लेशन में कमी आई, रिटेल महंगाई मई में सालभर के निचले स्तर पर आई
बधाई हो बधाई, आखिर महंगाई मई में सालभर के निचले स्तर पर आई. जी हां, आप जब रिटेल इंफ्लेशन के ताजा आंकड़े देखेंगे, तब आप भी आपस में और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को बधाई ही देंगे. भारतीय रिजर्व बैंक की कड़ी निगरानी और ब्याज दरों को लेकीर कठोर रुख के बनाए रखने का ही नतीजा है कि मई के महीने में रिटेल इंफ्लेशन रेट 4.75 प्रतिशत रहा है. बीते एक साल में महंगाई दर इस लेवल से नीचे कभी नहीं रही है.
भारत सरकार ने आरबीआई को महंगाई दर 4 प्रतिशत पर रखने का काम दिया है. इसमें दो प्रतिशत का उतार-चढ़ाव मुमकिन है, यानी देश में अधिकतम महंगाई दर 6 प्रतिशत रह सकती है. इस हिसाब से देखा जाए तो मई के आंकड़े काफी संतोषजनक हैं. आखिर क्या है इसकी वजह…?
कम हुई खाद्य वस्तुओं की कीमत
बुधवार को रिटेल इंफ्लेशन के जो नए आंकड़े सामने आए हैं, उससे साफ पता चलता है कि मई के महीने में खाद्य महंगाई दर में नरमी देखी गई है. इसका सीधा मतलब ये हुआ कि खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी आई है. इसका असर देश की ओवरऑल महंगाई दर पर पड़ा है. मई में महंगाई दर में गिरावट का दौर बरकरार रहा है. अप्रैल में देश की रिटेल महंगाई दर 4.83 प्रतिशत थी. जबकि सालभर पहले मई 2023 में यह 4.31 प्रतिशत थी. सालभर में यही इसका सबसे निचला स्तर रहा है.
महंगाई के आंकड़े राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने जारी किए. इसमें फूड इंफ्लेशन रेट का भी जिक्र है. मई में खाद्य महंगाई दर 8.69 प्रतिशत रही. ये अप्रैल के 8.70 प्रतिशत के स्तर से मामूली तौर पर कम है. मई के दौरान सब्जियों की कीमतें अप्रैल की तुलना में अधिक थीं जबकि फलों के मामले में स्थिति उलटी थी. इसलिए महंगाई दर में उतार देखने को मिला है. रिटेल इंफ्लेशन रेट के आधार पर ही आरबीआई रेपो रेट पर फैसला करता है.
जनवरी से घट रही महंगाई
इस साल जनवरी के बाद से ही देश के कंपोजिट इंफ्लेशन रेट में गिरावट देखी जा रही है. फरवरी में ये 5.1 प्रतिशत थी और वहां से घटते हुए अप्रैल में 4.8 प्रतिशत पर आ गई थी. कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर बेस्ड ऑल इंडिया इंफ्लेशन रेट मई 2024 में सालभर में सबसे कम रहा है. पिछले एक साल में ये सबसे कम 4.31 प्रतिशत मई 2023 में ही थी. सितंबर 2023 के बाद से देश की महंगाई दर 6 प्रतिशत से नीचे बनी हुई है, जो आरबीआई की लिमिट का सबसे उच्च स्तर है.