हिमनद झील से आने वाली बाढ़ से बचाव की तैयारी, भारत ने शुरू की चेतावनी प्रणाली

भारत ने हिमालय की हिमनद झीलों पर बाढ़ चेतावनी प्रणाली शुरू की है. ताकि हिमनद झीलों के कारण आने वाली बाढ़ से निपटा जा सके. मंगलवार को आपदा अधिकारियों ने बताया कि हिमालय की करीब 200 ग्लेशियल झीलों पर हाई-टेक चेतावनी प्रणाली स्थापित की जा रही है, जिनके किनारों के फटने का खतरा है. ये एक बड़ा खतरा है, जो जलवायु परिवर्तन के कारण और बढ़ गया है. हिमालय में कम से कम 7,500 ग्लेशियल झीलें हैं, जिनमें से कई में खतरा बढ़ गया है और ये कभी भी फट सकते हैं जिससे बड़ी आपदा आ सकती है.
भारत के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की टीमें तीन साल तक चलने वाले मिशन में सबसे खतरनाक मानी जाने वाली 190 ऊंचाई वाली झीलों को लक्षित कर रही हैं. मिशन का निर्देशन करने वाले एनडीएमए के एक वरिष्ठ अधिकारी सफी अहसान रिजवी ने बताया कि जोखिमों को कम करने में पहले ही महत्वपूर्ण प्रगति की है. ये झीलें ग्लेशियरों के पीछे हटने से बनती हैं, जो एक स्वाभाविक रूप से होने वाली घटना है. ये जलवायु परिवर्तन के गर्म तापमान से बढ़ जाती है.
अब तक 20 झीलों का काम पूरा
वर्तमान में पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम में छह बड़ी जोखिम वाली झीलों के आसपास प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली स्थापित करने के लिए काम किया जा रहा है. जहां पिछले साल अक्टूबर 2023 में बाढ़ की वजह से कम से कम 77 लोग मारे गए थे. रिजवी ने कहा ने बताया कि इस अभियान के तहत अब तक 20 झीलों का काम किया है और इस गर्मियों में 40 झीलों का काम पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस परियोजना में झीलों में जमा पानी और बर्फ के स्तर को कम करना भी शामिल होगा.
अभियान में सेना और कई एजेंसियों के विशेषज्ञ शामिल
इस अभियान में सेना और कई सरकारी एजेंसियों के विशेषज्ञ शामिल हैं, जिनमें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, भूवैज्ञानिक, जलविज्ञानी, इंजीनियर और मौसम विशेषज्ञ शामिल हैं. ये मिशन भारत के हिमालयी क्षेत्रों को कवर करेगा. उत्तर में कश्मीर और लद्दाख से लेकर उत्तर पूर्व में अरुणाचल प्रदेश तक. जलवायु परिवर्तन ग्लेशियरों के लुप्त होने का कारण बन रहा है, अनुमान है कि सदी के अंत तक पृथ्वी के 215,000 ग्लेशियरों में से आधे पिघल जाएंगे.
ग्लेशियल झीलों की मात्रा में 50 प्रतिशत की वृद्धि
उपग्रह डेटा पर आधारित 2020 के एक अध्ययन के मुताबिक ग्लेशियल झीलों की मात्रा में 30 सालों में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 15 मिलियन लोग संभावित बाढ़ के एक किलोमीटर के अंदर रहते हैं. इस क्षेत्र में दुनिया के अन्य भागों की तुलना में अधिक झीलें हैं, जिससे चेतावनी देने का समय और भी कम हो गया है.पिछले महीने पड़ोसी देश नेपाल के एवरेस्ट क्षेत्र में एक हिमनद झील के फटने से थामे गांव में भयंकर बाढ़ आ गई थी, जिससे इमारतें बह गईं थीं. हालांकि लोगों को पहले से चेतावनी दे दी गई थी और कोई हताहत नहीं हुआ था.

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