सस्ते ब्याज पर ₹10 लाख लोन, मोदी सरकार की स्कीम से हो रहा बड़ा मुनाफा

सस्ते ब्याज पर ₹10 लाख लोन, मोदी सरकार की स्कीम से हो रहा बड़ा मुनाफा

केंद्र सरकार की कई ऐसी स्कीम हैं जिनके जरिए आम लोगों की किस्मत बदली है। ऐसी ही एक स्कीम प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) की है। इस स्कीम के तहत लोन लेकर महाराष्ट्र के वर्धा के रहने वाले 41 वर्षीय प्रवीण थूल तगड़ा मुनाफा कमा रहे हैं। मिनिस्ट्री ऑफ MSME की ओर से प्रवीण थूल के सफलता की कहानी बताई गई है।

कितना है टर्नओवर
इसमें बताया गया हे कि प्रवीण ने प्रति दिन 100 किलोग्राम क्षमता के साथ अलग-अलग तरह के अचार तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। उनके द्वारा तैयार विभिन्न प्रकार के अचारों का मासिक टर्नओवर 1.5 लाख रुपये है, जिसमें से मुनाफा 40-45 हजार रुपये है। वह 4 लोगों को रोजगार दे रहे हैं। उन्होंने मुद्रा ऋण योजना के तहत वित्तीय सहायता ली है। वह अपने कारोबार को छोटे से बड़े पैमाने पर फैलाना चाहेंगे। वर्तमान में वह मुख्य रूप से आम का अचार, मिर्च का अचार, नींबू का अचार और गाजर का अचार बना रहे हैं। वह अन्य तरह के अचारों को बनाने का काम भी शुरू कर सकते हैं।

मुद्रा योजना की डिटेल
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में सस्ती ब्याज दर पर प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) की शुरुआत की थी। इस योजना क तहत लोगों को माइक्रो या स्मॉल बिजनेस के लिए 10 लाख रुपये तक के लोन दिए जाते हैं। लोन देने वाले लेंडर्स में अनुसूचित कॉमर्शियल बैंक (एससीबी), क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) और सूक्ष्म वित्त संस्थान (एमएफआई) शामिल हैं।

तीन कैटेगरी के लोन
ये लोन तीन कैटेगरी – शिशु, किशोर और तरुण में है। तीनों ही कैटेगरी में लोन की रकम अलग-अलग होती है।
शिशु: 50,000 रुपये तक के लोन।
किशोर: 50,000 रुपये से अधिक और रु. 5 लाख रुपये से कम के लोन
तरुण: 5 लाख रुपये से अधिक और 10 लाख रुपये तक के लोन

क्या कहते हैं आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच वित्त वर्ष तक योजना के तहत 17.77 लाख करोड़ रुपये की स्वीकृत धनराशि वाले 28.89 करोड़ से अधिक लोन दिए गए हैं। इसकी जानकारी केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किसनराव कराड ने भी सदन की दी है। उन्होंने कहा था कि महिला ऋण प्राप्तकर्ताओं को 7.93 लाख करोड़ रुपये की धनराशि के 19.22 करोड़ से अधिक ऋण दिए गए हैं, जो इस योजना के तहत स्वीकृत ऋणों की कुल संख्या का लगभग 67 फीसदी है।

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