₹1000 वाला काजू ₹30 में, एक-दो किलो नहीं झोला भरभर कर ले जाते हैं लोग! जानें भारत में कहां है ये जगह
झारखंड में जामताड़ा नाम का एक जिला है, जिसे भारत की फिशिंग राजधानी भी कहा जाता है. यहीं लोकप्रिय ड्राई फ्रूट काजूम को इतनी कम कीमत पर बेचा जाता है. जामताड़ा के फिशिंग स्कैम को लेकर वेब सीरीज भी बनाई जा चुकी है.
जामताड़ा शहर से महज चार किलोमीटर दूर ‘नाला’ नाम का एक गांव है, जिसे झारखंड का काजू शहर कहा जाता है. इस गांव में आपको काजू 20-30 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत पर आसानी से मिल सकता है. इस कीमत में सब्जियां मिल जाती हैं ।क्यों है काजू की इतनी कम कीमत: टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नाला में काजू इतनी सस्ती कीमत पर बिकने का मुख्य वजह ये है कि इस गांव में ग्रामीण 50 एकड़ के क्षेत्र में काजू की खेती करते हैं. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, काजू के बागान की जानकारी सभी को तब हुई जब वन विभाग ने 2010 के आसपास नाला गांव की जलवायु और मिट्टी को काजू की खेती के लिए अनुकूल पाया ।
फिर वहां पर काजू की खेती बड़े पैमाने पर होने लगी. जैसे ही पौधों में काजू के फल लगते हैं, किसान उन्हें इकट्ठा कर लेते हैं और सड़क के किनारे औने-पौने दाम पर बेच देते हैं. चूंकि यह जगह उतनी विकसित नहीं है, इसलिए ग्रामीण काजू को इतनी सस्ती दरों पर बेचते हैं ।सूत्रों के अनुसार, जब आईएएस कृपानंद झा जामताड़ा के डिप्टी कमिश्नर थे, तो उन्हें पता चला कि नाला की मिट्टी और जलवायु परिस्थितियां काजू की खेती के लिए उपयुक्त थीं. इस प्रकार, उन्होंने काजू के पेड़ लगाने के लिए कुछ कृषि वैज्ञानिकों से बातचीत की ।
इसके बाद वन विभाग ने पहल की और नाला में 50 एकड़ जमीन पर काजू के पौधे लगाये. तब से, झारखंड में काजू की खेती हो रही है. लेकिन कहा ये भी जाता है कि इससे किसानों को कोई फायदा नहीं होता क्योंकि वे इतनी कम कीमत पर काजू बेचते हैं.