10 करोड़ या मंत्री पद का मिला था ऑफर… बिहार में नीतीश कुमार के विधायक का बड़ा दावा
बिहार में नीतीश कुमार फ्लोर टेस्ट पास कर चुके हैं. विधानसभा में नीतीश कुमार के पक्ष में 129 वोट पड़े. सरकार के लिए बहुमत का आंकड़ा 122 है. मतलब नीतीश कुमार की सरकार पर फिलहाल कोई आंच नहीं आने वाली है. विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले हरलाखी विधानसभा से जदयू के विधायक सुधांशु शेखर ने खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए केस भी दर्ज करा दिया है और पुलिस को विस्तृत जानकारी भी उपलब्ध करा दी है.
सुधांशु शेखर की ओर से पुलिस में दी गई शिकायत के अनुसार उन्हें, 9 फरवरी की रात व्हाट्सएप कॉल आया था. जब उन्होंने बात की तो उन्हें महागठबंधन के साथ आने के लिए कहा गया और इसके एवज में उन्हें 10 करोड़ रुपए का ऑफर भी दिया गया. सुधांशु शेखर की माने तो फोन पर उनसे कहा गया कि पांच करोड़ रुपए अभी दे देंगे और पांच करोड़ रुपए काम होने के बाद मिलेंगे. नहीं तो मंत्री पद ले लीजिए. शेखर ने कहा कि ऑफर की बात सुनकर उन्होंने बाद में सोचकर बताते हैं की बात कहकर टाल दिया.
राहुल गांधी का करीबी बताकर किया कॉल
सुधांशु शेखर ने बताया कि इसी तरह 10 फरवरी को 10.11 बजे सुबह पूर्व मंत्री नागमणि कुशवाहा के नंबर से वाट्सएप कॉल आया था कि अखिलेश जी आपसे बात करना चाहते हैं, जल्द ही संपर्क करेंगे. करीब एक घंटे के बाद 11.02 मिनट पर इंटरनेट कॉल आया. बात करने वाले व्यक्ति ने अपना नाम अखिलेश बताया और स्वयं को राहुल गांधी का करीबी बताया और कहा कि आप हमारे साथ आ जाइए और इसके बदले में जो भी आपका डिमांड होगा, पूरा होगा. विश्वासमत प्रस्ताव में हमारे गठबंधन का सपोर्ट कीजिए.
इतना ही नहीं हिलसा के जदयू विधायक कृष्ण मुरारी शरण को राजद प्रवक्ता शक्ति यादव का 31 जनवरी को ही फोन आया. उनसे कहा गया कि एक व्यक्ति आपसे सुबह में मिलेगा बात कर लीजियेगा. दूसरे दिन सुबह हिलसा क्षेत्र का ही रहने वाला एक व्यक्ति उनसे मिला और कहा कि 12 फरवरी को विश्वासमत प्रस्ताव में राजद के पक्ष में वोट करिए आपको मंत्री पद दिया जाएगा या जितना पैसा डिमांड कीजियेगा, मिलेगा. जिसके बाद उन्होंने उस व्यक्ति को तुरंत घर से जाने के लिए कह दिया ।
जदयू विधायक निरंजन कुमार मेहता को भी मिला प्रलोभन
जदयू विधायक निरंजन कुमार मेहता को भी विश्वासमत प्रस्ताव में राजद के पक्ष में वोट करने के लिए प्रलोभन व धमकी दी गई है. सुंधाशु शेखर ने यह भी बताया है कि इस पूरे प्रकरण में जदयू के ही विधायक डॉ संजीव कुमार, की भूमिका संदिग्ध है. ये भी पार्टी के कई विधायकों को राजद के पक्ष में वोट करने के लिए प्रलोभन और धमकी दे रहे थे.
जदयू विधायक सुधांशु ने कोतवाली थाने में दर्ज बयान में यह भी बताया कि मेरे दल के विधायक बीमा भारती, विधायक दिलीप राय को डरा धमका कर जबरन अपहरण कर लिया गया है ताकि दिनांक 12 फरवरी को होने वाले विश्वासमत प्रस्ताव में मेरे पार्टी के खिलाफ वोट देने के लिए मजबूर किया जा सके.
बीमा भारती विधानसभा पहुंचीं, लेकिन दिलीप राय नहीं
सुधांशु ने कहा कि ऐसी आशंका है कि मेरे दल के विधायक डॉ संजीव कुमार तथा राजद पार्टी से जुड़े इंजीनियर सुनील, निवासी किदवईपुरी, पटना एवं उनके अन्य अजात सहयोगियों द्वारा आपराधिक षड्यंत्र कर उक्त अपहरण की घटना को अंजाम दिया गया है. हालांकि बीमा भारती विधानसभा पहुंच गई लेकिन दिलीप राय नहीं पहुंचे.
हालांकि, अब तक यह खुलासा होना बाकी है कि राजद के तीन विधायकों ने किस डील के साथ अपना पाला बदला है. राजद के विधायक चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रह्लाद यादव ने आज जदयू खेमे में खड़े होकर नीतीश के पक्ष में वोट किया.