बिलकिस बानो के 11 में से 10 दोषियों ने सरेंडर के लिए मांगा वक्त, आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
बिलकिस बानो मामले में 10 दोषियों की अर्जी पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. दरअसल, शीर्ष अदालत में दोषियों ने सरेंडर करने की अवधि को बढ़ाने की मांग की है. इस मामले की सुनवाई जस्टिस नागरत्ना की बेंच करेगी. अर्जी लगाने वालों में गोविंदभाई नाई, रमेश रूपा भाई चंदना और मितेश चिमनलाल भट समेत 10 दोषी शामिल हैं. कोर्ट ने 8 जनवरी को फैसला सुनाया था और सभी दोषियों को दो सप्ताह के भीतर सरेंडर करने को कहा था.
शीर्ष अदालत ने बिलकिस बानो के दोषियों को समय से पहले बरी किए गए 11 दोषियों को रिहाई पर सवाल उठाए थे और उसे रद्द कर दिया था. कोर्ट ने दोषियों को दो सप्ताह के अंदर जेल में सरेंडर करने का निर्देश दिया था. दोषी रमेश रूपा भाई चंदना की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील वी चिताम्बरेश ने आवेदन पर तत्काल सुनवाई की मांग की क्योंकि सरेंडर करने की समय सीमा रविवार को खत्म हो रही है.
शेष आठ दोषियों के वकीलों ने कोर्ट से कहा कि वे भी इसी तरह के आवेदन दायर करेंगे, जिसके बाद कोर्ट ने सभी आवेदनों को एक साथ सूचीबद्ध करने की अनुमति दी है. गुरुवार शाम तक इस मामले में 11 में से 10 दोषियों ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया. सभी 10 दोषियों ने पारिवारिक जिम्मेदारियों को पूरा करने, वृद्ध माता-पिता की देखभाल, सर्दियों की फसलों की कटाई और स्वास्थ्य स्थितियों जैसे कारणों का हवाला दिया और सरेंडर करने के लिए और समय मांगा है.
दोषियों का दावा, रिहाई के बाद उन्होंने नहीं किया कोई क्राइम
गोविंदभाई नाई ने चार सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा है, चंदना, मितेश चिमनलाल भट्ट, प्रदीप रमनलाल मोधिया, बिपिनचंद कनियालाल जोशी, राधेश्याम भगवानदास शाह, राजू भाई बाबूलाल सोनी, जसवंत भाई चतुरभाई नाई, केशर भाई खिमा भाई वोहनिया और शैलेश भाई चिमनलाल भट्ट ने छह सप्ताह समय मांगा है. दोषियों की रिहाई को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि गुजरात ने महाराष्ट्र की शक्ति को छीन लिया, जहां दोषियों की मूल सुनवाई हुई थी. सभी 11 दोषी गुजरात के निवासी हैं और उन्होंने कहा कि 15 अगस्त, 2022 को सजा में छूट मिलने के बाद से वे अपने परिवार के साथ रहे और रिहाई की अवधि के दौरान उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है.