11 की उम्र में मार गया था लकवा, फिर इस इंसान ने बदली जिंदगी, पैरालंपिक में 2 गोल्ड जीतने वाली अवनि लेखरा की गजब कहानी
पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत ने दूसरे दिन की शुरुआत काफी शानदार रही. भारत अपना पहला गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब रहा. ये मेडल भारतीय निशानेबाज अवनि लेखरा ने दिलाया. ये वही अवनि लेखरा हैं जिन्होंने पिछले पैरालंपिक में भी दो मेडल जीते थे. उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (SH1) इवेंट में गोल्ड मेडल हासिल किया. इस मुकाम पर पहुंचने के लिए अवनि लेखरा के काफी संघर्ष किया है. उन्हें छोटी सी उम्र में ही एक बड़ा झटका लगा था, लेकिन कभी हार ने मानने वाली अवनि ने बड़ी-बड़ी चुनौतियों को पार करके यहां तक का सफर तय किया है.
जुनून का दूसरा नाम अवनि लेखरा
अवनी लेखरा राजस्थान के जयपुर की रहने वाली हैं. उनका जन्म 8 नवंबर 2001 को हुआ था. लेकिन साल 2012 में उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई थी. एक कार कार एक्सीडेंट में उनकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट लग गई थी. इस घटना के बाद उन्हें पैरालिसिस हो गया था. उस समय वह सिर्फ 11 साल की थीं. इसके बाद से ही उन्हें चलने के लिए व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ गया. वह पूरी तरह डिप्रेशन में चली गई थी. लेकिन दुर्घटना के महज तीन साल बाद ही अवनी ने शूटिंग को अपनी जिंदगी बनाने का फैसला किया.
बता दें, इस दुर्घटना के बाद उनके पिता ने उन्हें खेल में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया था. पहले उन्होंने आर्चरी की ट्रेनिंग लेना शुरू किया था. कुछ समय बाद अवनि लेखरा ने शूटिंग को अपना करियर चुना. उन्हें लगा कि वो शूटिंग में ज्यादा बेहतर कर सकती हैं और उनका ये फैसला सही भी साबित हुआ. साल 2015 में जयपुर शहर में ही शूटिंग से उनका जुड़ाव हुआ और जगतपुरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में उन्होंने प्रैक्टिस शुरू की. अब वह भारत का नाम पूरी दुनिया में रौशन कर रही हैं.
पैरालंपिक रिकॉर्ड तोड़कर जीता गोल्ड
पेरिस पैरालंपिक 2024 में अवनि लेखरा पैरालंपिक रिकॉर्ड तोड़कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया. अवनि ने फाइनल में 249.7 अंक हासिल किए जो एक नया पैरालंपिक रिकॉर्ड है. अवनी लेखरा और दक्षिण कोरिया की युनरी ली के बीच आखिरी शॉट तक बेहद कड़ी टक्कर देखने को मिली. हालांकि अवनि लेखरा बाजी मारने में कामयाब रहीं. इसी के साथ उन्होंने अपने टाइटल का बचाव भी किया है. इससे पहले अवनि लेखरा ने 2020 पैरालंपिक में भी 10 मीटर एयर स्पर्धा एसएच-1 में गोल्ड मेडल जीता था. बता दें, वह अब भारत की पहली खिलाड़ी भी बन गई हैं, जिसने पैरालंपिक में अपने मेडल का बचाव किया है और अब पैरालंपिक में उनके कुल 3 मेडल हो गए हैं. ये भी एक रिकॉर्ड है, क्योंकि इससे पहले किसी भी भारतीय ने 3 पैरालंपिक मेडल नहीं जीते थे.
अवनि को पैरालंपिक अवॉर्ड्स 2021 में बेस्ट फीमेल डेब्यू के खिताब से सम्मानित किया गया था. साल 2022 में अवनि लेखरा ने पैरा शूटिंग वर्ल्ड कप में भी गोल्ड जीतकर इतिहास रचा था. यहां उन्होंने 2 गोल्ड मेडल अपने नाम किए थे. इसके अलावा एशियन पैरा गेम्स में भी अवनि एक गोल्ड मेडल जीत चुकी है. अभी तक अवनि को खेल रत्न पुरस्कार, यंग इंडियन ऑफ द ईयर, पद्मश्री और पैराएथलीट ऑफ द ईयर जैसे अवार्ड्स मिल चुके हैं.