11 नवंबर के बाद रनवे पर नहीं दिखेगा रतन टाटा का ये जहाज, क्या है वजह
रतन टाटा की सिंगापुर बेस्ड एयरलाइन विस्तार 11 नवंबर के बाद रनवे पर दिखाई नहीं देगी. एयरनाइन ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए कहा कि एअर इंडिया के साथ विस्तारा के मर्जर 12 नवंबर तक कंप्लीट हो जाएगा. जिसके बाद विस्तारा एयरलाइन के के जहाज एअर इंडिया में बदल जाएंगे. पैसेंजर्स 11 नवंबर तक के ट्रैवल के लिए 3 सितंबर तक टिकट बुक पाएंगे. एयरलाइन ने कहा कि सभी विस्तारा विमानों को एयर इंडिया में इंटीग्रेट किया जाएगा.
मौजूदा समय में इसके द्वारा संचालित रूट्स के लिए बुकिंग एअर इंडिया की वेबसाइट रीडायरेक्ट की जाएगी. एयरलाइन ने कहा कि विस्तारा 11 नवंबर, 2024 तक सामान्य रूप से उड़ानें संचालित करना और बुकिंग स्वीकार करना जारी रखेगा. 12 नवंबर और उसके बाद, यानी जब मर्जर पूरा हो जाएगा, विस्तारा के सभी यात्री एअर इंडिया के साथ उड़ान भरेंगे.
एफडीआई को सरकार से मिली मंजूरी
इसके अलावा, एयरलाइन ने यह भी आश्वासन दिया है कि इस ट्रांजिशन पीरियड के दौरान, विस्तारा और एअर इंडिया दोनों सभी कस्टमर्स को जरूरी सपोर्ट, लगातार कंयूनिकेशन और फैसिलिटी सुनिश्चित करेंगे. इससे पहले, शुक्रवार सुबह सिंगापुर एयरलाइंस (एसआईए) ने घोषणा की कि भारत सरकार ने विस्तारा और टाटा के स्वामित्व वाली एअर इंडिया के विलय में डायरेक्ट विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी दे दी है. गौरतलब है कि विस्तारा में एसआईए और टाटा की 49:51 हिस्सेदारी है. मर्जर के बाद, 2,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ मर्ज्ड एअर इंडिया में SIA की 25.1 फीसदी की हिस्सेदारी होगी.
प्रत्सेक प्लेटफॉर्म पर मिलेगा मर्जर का अपडेट
विस्तारा के सीईओ विनोद कन्नन ने कहा कि हम पिछले 10 वर्षों में अपने सभी ग्राहकों के सपोर्ट के लिए काफी आभारी हैं. जैसे-जैसे हम ब्रोथ की ओर आगे बढ़ रहे हैं, हम इस बात पर जोर दे रहे हैं कि यह मर्जर उन्हें बड़े बेड़े और वाइड नेटवर्क के साथ ज्यादा ऑप्शन दें; साथ ही पैसेंजर्स के अनुभव को बेहतर बना सकें. एयरलाइन ने यह भी कहा कि मर्जर प्रोसेस आगे बढ़ने पर कस्टमर्स को विस्तारा और एअर इंडिया की वेबसाइटों और सोशल मीडिया चैनलों और ई-मेल के माध्यम से नियमित अपडेट दिया जाएगा.
सितंबर 2023 में मिली थी मंजूरी
विस्तारा ने कहा कि इसमें वेब चेक-इन, लाउंज एक्सेस और अन्य सभी संभावित टचपॉइंट्स की जानकारी शामिल है. निर्बाध परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए दोनों एयरलाइनों में समर्पित टीमों द्वारा सभी प्रयास किए जाएंगे. सिंगापुर के रेगुलेटर सीसीसीएस द्वारा मार्च में प्रस्तावित डील को सशर्त मंजूरी दिए जाने के बाद नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने इस साल जून में मर्जर को मंजूरी दे दी. सितंबर 2023 में, डील को कुछ शर्तों के अधीन भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) से मंजूरी मिल गई थी.