11,000 करोड़ रुपये की पकड़ी गई GST चोरी, इन 24 कंपनियों पर गिरेगी गाज

जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) और राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने 24 बड़े आयातकों द्वारा 11,000 करोड़ रुपये की कथित एकीकृत जीएसटी चोरी का पता लगाया है।

इंडियन डायरेक्टरेट जनरल ऑफ GST इंटेलिजेंस(DGGI) और डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटलिजेंस ने 11 हजार करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी है, जिसे 24 बड़ी कंपनियों द्वारा अंजाम दिया गया है। इसमें शामिल कुछ कंपनियां स्टील, फार्मास्युटिकल, रत्न और आभूषण और कपड़ा क्षेत्रों में हैं। इस संबंध में सात इकाइयों को नोटिस भेजे गए हैं। एजेंसियां दूसरों को नोटिस भेजने की प्रक्रिया में हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनियां बड़े पैमाने पर स्टील, फार्मास्यूटिकल्स, रत्न और आभूषण और कपड़ा क्षेत्रों से हैं। इन मामलों में कर चोरी का पता डेटा के आधार पर लगाया गया है। एक अधिकारी ने कहा कि टैक्स अधिकारियों द्वारा जीएसटी चोरी का पता लगाना साल-दर-साल लगभग दोगुना होकर 2022-23 के वित्त वर्ष में 1.01 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया।

पिछले वित्त वर्ष में जीएसटी चोरी का बढ़ा था आंकड़ा

पिछले वित्त वर्ष के दौरान डायरेक्टरेट जनरल ऑफ GST इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) के अधिकारियों द्वारा 21,000 करोड़ रुपये की वसूली की गई थी। अधिकारी ने कहा कि सरकार अनुपालन बढ़ाने के लिए कदम उठा रही है और धोखाधड़ी की पहचान करने के लिए डेटा एनालिटिक्स और मानव बुद्धि का उपयोग कर रही है। 2021-22 में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) शासन के तहत जांच एजेंसी DGGI ने 54,000 करोड़ रुपये से अधिक की चोरी का पता लगाया और 21,000 करोड़ रुपये से अधिक की कर वसूली की थी। माल और सेवा कर (जीएसटी) चोरी के मामलों की कुल संख्या इस वित्त वर्ष में बढ़ गई है, 2022-23 में लगभग 14,000 मामलों का पता चला है, जो 2021-22 में 12,574 मामलों और 2020-21 में 12,596 मामलों से अधिक है।

5 साल में 1 लाख करोड़ रुपये वसूले गए

वित्त मंत्रालय द्वारा लोकसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक, जुलाई 2017 से फरवरी 2023 के बीच कुल 3.08 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का पता चला, जिसमें से 1.03 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की गई। जीएसटी अधिकारियों ने फरवरी 2023 तक पिछले साढ़े पांच साल में कर चोरी के आरोप में 1,402 लोगों को गिरफ्तार किया था।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *