14 और 15 अक्टूबर को होगी वक्फ बिल पर जेपीसी की अगली बैठक, जानें क्या है एजेंडा
वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर बनी जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी की अगली बैठक 14 और 15 अक्टूबर को होगी. 14 अक्टूबर को कमेटी पहली बैठक में जमीयत उलेमा ए हिंदी दिल्ली के सुझावों पर सुनवाई करेगी और विशेषज्ञों की राय सुनेगी. साथ ही कमेटी ने एडवोकेट विष्णु शंकर जैन, अश्विनी उपाध्याय, वीरेंद्र इचलकरंजीकार को भी अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया है. जब कि कमेटी 15 अक्टूबर की दूसरी बैठक में अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधिकारियों को तलब करेंगी.
दरअसल संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ बिल 2024 पेश किया था. जिसके बाद कांग्रेस समेत समाजवादी पार्टी के विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया.
कितने सदस्य है शामिल?
विरोधी पार्टियों ने इस बिल को मुस्लिम विरोधी बताया. जिसके बाद इस बिल को लोकसभा में बिना चर्चा के ज्वाइंट पार्लियांमेंट्री कमेटी को भेज दिया गया. जेपीसी में कुल 31 सदस्यों को शामिल किया गया है, इसमें 21 मेंबर लोकसभा के और 10 मेंबर राज्य सभा के है. लोकसभा के सदस्यों में जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे , तेजस्वी सूर्या , संजय जायसवाल, असदुद्दीन ओवैसी, अरुण भारती, अरविंत सावंत और दूसरे नेता है. जबकि राज्य सभा से बृजलाल, डॉक्टर मेधा विश्राम कुलकर्णी, गुलाम अली, संजय सिंह, मोहम्मद अब्दुल्ला, वी विजसाई रेड्डी, राधा मोहन दास अग्रवाल, सैयद नसीर हुसैन जैसे नेता है.
क्या है पूराना कानून ?
बता दें वक्फ बोर्ड के पुराने कानून के सेक्शन 40 के तहत अगर वक्फ बोर्ड किसी प्रापर्टी पर दावा करता है तो उस जमीन पर दावा करने वाला सिर्फ ट्रिब्यूनल में ही अपील की जा सकती है. इसके बाद ट्रिब्यूनल का जो फैसला ही आखिरी माना जाएगा, उसे चुनौती नहीं दी सकती. साथ ही अगर किसी जमीन पर मस्जिद होता है या फिर उस जमीन का उपयोग इस्लामिक उपयोग के लिए किया जा रहा है तो वो जमीन ऑटोमैटिक वक्फ की संपत्ति हो जाती है.
इसके अलावा बोर्ड में महिला समेत किसी भी धर्म को लोगों को मेंबर के रूप में नहीं चुना जा सकता है.
AMOD RAI